Discontent In Uttarakhand Congress : उत्तराखंड कांग्रेस में असंतोष के सुर,10 विधायकों की गोपनीय बैठक की चर्चा

Discontent In Uttarakhand Congress
उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी के द्वारा नये प्रदेश अध्यक्ष,नेता प्रतिपक्ष और उपनेता की घोषणा के साथ ही असंतोष की गहमागहमी के बीच विधायकों के पार्टी छोड़ने की चर्चा ने भी जोर पकड़ लिया है.
> कांग्रेस विधायकों के भाजपा ज्वाइन करने की चर्चाओं से मची खलबली
> कापड़ी-करन और यशपाल आर्य की नियुक्ति से उत्तराखंड कांग्रेस में असंतोष
> नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आज की कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह से मुलाकात
> चर्चा के अनुसार कांग्रेस के असंतुष्ट 10 विधायक कल करेंगें गोपनीय बैठक
वेब मीडिया के विश्वसनीय नाम
यूके तेज से जुड़ने के लिये
वाट्सएप्प करें 8077062107
रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
देहरादून : Discontent In Uttarakhand Congress
कापड़ी-करन और यशपाल आर्य की नियुक्ति से असंतोष
उत्तराखंड की पॉलिटिक्स में एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म है हाल ही में कांग्रेस द्वारा यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष,भुवन चंद कापड़ी को उपनेता और करन माहरा को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है.
जिसके बाद सबसे पहले कांग्रेस के नेता प्रीतम सिंह ने मीडिया में प्रतिक्रिया देते हुये खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुये अपना इस्तीफ़ा देने तक की बात कह डाली.
इसी बीच उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात की है.
आइये जानते हैं आखिर क्या है आपत्ति का कारण ?
(1) यशपाल आर्य
कांग्रेस द्वारा यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष का महत्वपूर्ण पद दिया गया है गौरतलब है कि 2016 में यशपाल आर्य कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये थे.
वह उत्तराखंड में भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह भाजपा को छोड़कर एक बार दोबारा कांग्रेस में शामिल हुये. कांग्रेस ने यशपाल आर्य को बाजपुर और उनके पुत्र संजीव आर्य को नैनीताल विधानसभा से उम्मीदवार बनाया.
यशपाल आर्य को लेकर कांग्रेस के भीतर की सबसे बड़ी आपत्ति यह है कि वह भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए और उन्हें हाई कमान ने सीधे ही नेता प्रतिपक्ष बना दिया जबकि कांग्रेस के भीतर इस पद के कईं दावेदार हैं जिन्हें बाईपास कर दिया गया है.
Discontent In Uttarakhand Congress
(2) करन माहरा —
कांग्रेस हाईकमान ने करन माहरा को प्रदेश कांग्रेस कमिटी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है.
उन्हें लेकर सबसे बड़ी आपत्ति यह है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करते हुए रानीखेत विधानसभा से चुनाव हारने वाले करन माहरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है.
(3) भुवन चंद कापड़ी –
इनके नाम पर पार्टी के भीतर सबसे बड़ी आपत्ति यह है कि दो से अधिक बार चुनाव जीतने वाले विधायकों की उपेक्षा कर हाईकमान ने पहली बार के विधायक को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया है.
कांग्रेस असंतुष्ट विधायकों की गोपनीय बैठक
चर्चा के मुताबिक हाईकमान के निर्णय से नाराज दस कांग्रेस विधायक कल देहरादून में एक गोपनीय बैठक करने जा रहे हैं इनमें प्रमुख नाम हरीश धामी, मनोज तिवारी, मदन बिष्ट, मयूख महर ,खुशहाल सिंह अधिकारी,ममता राकेश,,विक्रम सिंह नेगी ,राजेंद्र भंडारी हैं.
प्रदीप टम्टा ने किया खंडन
वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रदीप टम्टा ने इस प्रकार की चर्चा का खंडन किया है उन्होंने कहा है कि किसी प्रकार की कोई नाराजगी नहीं है और कोई भी कांग्रेस का विधायक पार्टी छोड़कर नहीं जा रहा है.
कल होने जा रही बैठक पर प्रदीप टम्टा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अफवाह बाजी कर रही है सभी लोग राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्णय के साथ हैं यशपाल आदि एक अनुभवी नेतृत्व है.
Discontent In Uttarakhand Congress