
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्रालय द्वारा गन्ना क्रय केंद्र की संख्या घटाने को लेकर डोईवाला क्षेत्र के किसान नेता सहमत नही हैं जिसे लेकर विरोध-प्रदर्शन किये जा रहे हैं.
> डोईवाला सुगर मिल की चीनी रिकवरी में आयी कमी
> शासन ने दिये 67 गन्ना क्रय केंद्रों को सीमित के आदेश
> उत्तराखंड सरकार के निर्णय से असहमत किसान नेता
> किसान नेता गन्ना क्रय सेंटर की बहाली की मांग पर अड़े
वेब मीडिया के विश्वसनीय नाम
यूके तेज से जुड़ने के लिये
वाट्सएप्प करें 8077062107
रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
देहरादून :
उत्तराखंड शासन के आंकड़े
(1) चीनी रिकवरी घटी
डोईवाला ब्लॉक सभागार में हाल ही में आयोजित की गयी विभागीय सुनवाई के दौरान डोईवाला सुगर मिल के अधिशासी निदेशक शिव कुमार बरनवाल ने बताया कि पिछले गन्ना पेराई सत्र में चीनी की रिकवरी 9.8 रही है
जो इस बार घटकर 9.4 पर आ गयी है जो एक चिंता का विषय है क्यूंकि डोईवाला सुगर मिल की रिकवरी इससे पहले के वर्ष में 10 तक भी रही है.
(2) ऑफर के मुकाबले सेंटर पर कम गन्ना आपूर्ति
डोईवाला सुगर मिल के अधिशासी निदेशक शिव कुमार बरनवाल ने बताया कि सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग द्वारा चीनी मिल की समीक्षा की गयी
जिसमें पाया गया कि नागल बुलंदावाला गन्ना सेंटर पर 145000 कुंटल के मुकाबले मात्र 30000 कुंटल,शेरगढ़ सेंटर पर 185000 कुंटल के मुकाबले 30000 कुंटल,लिस्ट्राबाद सेंटर पर 50000 कुंटल के मुकाबले 27000 कुंटल,माजरी सेंटर पर 160000 के मुकाबले 23000 कुंटल और छिद्दरवाला सेंटर पर 75000 कुंटल के मुकाबले 29000 कुंटल गन्ने की आपूर्ति किसानों द्वारा की गयी.
जिस कारण कम आपूर्ति के मद्देनजर शासन के द्वारा इन गन्ना क्रय केंद्रों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है.
(3) 9.5 रुपये अधिक का गणित
अधिशासी निदेशक शिव कुमार ने बताया चूंकि गन्ना सेंटर पर किसान को प्रति कुंटल 9 रुपये 50 पैसों की कटौती की जाती है जबकि इसके मुकाबले यदि वही किसान गन्ने की आपूर्ति सुगर मिल गेट पर करता है तो 9.5 रुपये अधिक प्राप्त होते हैं इसलिए भी किसान सीधे मिल गेट पर गन्ने की सप्लाई कर रहे हैं.
(4) गन्ने के सेंटर का खर्च
एक गन्ने के सेंटर के लिये सुगर मिल को जमीन लेनी पड़ती है जिसके अलावा ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां और कर्मचारी पर भी खर्च आता है जबकि सबसे बड़ी दिक्कत लेबर की है.
किसानों ने ख़ारिज किये सरकारी आंकड़े
किसानों के द्वारा आपत्ति उठायी गयी कि क्या क्रय केंद्रों से पहली बार गन्ना उठाया जा रहा है ?
किसान नेता संतोष यादव द्वारा कहा गया कि अधिकारियों के द्वारा क्रय केंद्रों पर गन्ने की मात्रा का ऑफर कब और किसने दिया किसी को भी नही पता है.
किसान नेता कमल अरोड़ा ने आपत्ति उठायी कि सुगर मिल प्रबंधन की कमी की वजह से गन्ने के सेंटर कुव्यवस्था के शिकार हैं.
किसान सभा ने किया विरोध-प्रदर्शन
अखिल भारतीय किसान सभा ने तहसील मुख्यालय पर आज प्रदर्शन कर उप जिलाधिकारी के माध्यम से गन्ना सेन्टरों की बहाली हेतु मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए किसान सभा के जिला अध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा कि डोईवाला सुगर मिल के मौजूदा अधिशासी निदेशक अपने मनमाने तरीके से किसानों के खिलाफ फैसले ले रहे हैं .
उन्होंने कहा कि मिल प्रशासन ने बिना किसानों को विश्वास में लिये ही गन्ना सेन्टरों को बन्द करने का आत्मघाती फैसला लिया है जिसे किसान सभा बर्दाश्त नहीं करेगी.
किसानों को सम्बोधित करते हुए किसान सभा के जिला संयुक्त सचिव याक़ूब अली ने कहा कि यदि समय रहते मिल प्रशासन गन्ना सेन्टरों को बहाल नही करता है तो किसान सभा प्रदेश सरकार व मिल प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी.
किसानों संगठन के नेता ज़ाहिद अंजुम और मुहम्मद अकरम ने सम्बोधित करते हुए कहा कि मिल द्वारा लिए गए किसान विरोधी फैसले से क्षेत्र के किसानों को संकट का सामना करना पड़ेगा उन्होंने कहा कि जब तक गन्ना सेन्टरों की बहाली नही होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
प्रदर्शकारी किसानों को शाहिद परवेज़,मुहम्मद वसीम, सरजीत सिंह ,मेहताब अली ने भी सम्बोधित किया ।
प्रदर्शन में साधुराम, पूरण सिंह आदिलअंसारी, जगजीत सिंह कृष्ण कुमार, गुरचरण सिंह, जागीरी राम,सिंगा राम,जीशान,नरेन्द्र सिंह, खुर्शीद हसन, आदि काफी संख्या में किसान मुख्य रूप से उपस्थित थे.