वीडियो देखें : डोईवाला चीनी मिल बंद किये जाने के कथित प्रस्ताव पर जनता में भारी आक्रोश

Dehradun :Public outrage over alleged proposal to close Doiwala sugar mill
यूके तेज के लिये रजनीश प्रताप सिंह की स्पेशल रिपोर्ट
सोशल मीडिया में वायरल हुआ लेटर
सोशल मीडिया में डोईवाला चीनी मिल को कथित तौर पर बंद किए जाने के मुद्दे पर एक लेटर के वायरल होने पर स्थानीय जनता और सुगर मिल कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है
वायरल लेटर के बिंदु संख्या 3 में लिखा गया है कि
बैठक में हुए विचार विमर्श उपरांत समिति द्वारा सर्वसम्मति से संस्तुति की गई है
इसमें बताया गया है कि किन कारणों से डोईवाला चीनी मिल को बंद करते हुए इसकी जमीन को बेचे जाने पर विचार किया जाए
पहला कारण
• डोईवाला क्षेत्र में शहरीकरण के कारण लगातार घटते गन्ना क्षेत्रफल
दूसरा कारण
• विगत वर्षों से चीनी मिल के घाटे में रहने
तीसरा कारण
• मिल में मुख्यतः निकटवर्ती राज्य हिमाचल प्रदेश के पावंटा साहब क्षेत्र के गन्ने पर आश्रित होने और
चौथा कारण
• डोईवाला चीनी मिल के शहर के मध्य में स्थित होने के कारण यातायात में व्यवधान के फल स्वरुप आम जनमानस को होने वाली असुविधा इत्यादि कारण
क्या निर्णय लिया गया है
इन कारणों के चलते यह निर्णय लिया गया कि
सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिल डोईवाला को बंद करते हुए
चीनी मिल की भूमि को विक्रय किए जाने पर विचार किया जाए
तथा चीनी मिल के समस्त कार्मिकों को अन्यत्र चीनी मिलों में समायोजित किए जाने
/वी आर एस दिए जाने के संबंध में परीक्षण कर सुविचारित प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाएं
इस वायरल पत्र की तारीख 26 मई 2023 है
इसमें उत्तराखंड शासन के सचिव विजय कुमार यादव के हस्ताक्षर हैं
(यूके तेज इस लेटर की पुष्टि नही करता है)
सुगर मिल में आज है अवकाश
इस मुद्दे पर डोईवाला सुगर कंपनी लिमिटेड के अधिशासी निदेशक से बात नही हो पायी है
क्यूंकि मिल में आज नाग पंचमी के अवसर पर अवकाश है
वेब मीडिया के विश्वसनीय नाम
यूके तेज से जुड़ने के लिये
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रजनीश प्रताप सिंह तेज
मर जायेंगें ,मिट जायेंगें, लेकिन मिल बंद नही होने देंगें : गुलशन अरोड़ा
डोईवाला चीनी मिल के बारे में खास जानकारी रखने वाले वयोवृद्ध गुलशन कुमार अरोड़ा ने यूके तेज से खास बातचीत में कहा कि,
“डोईवाला का रोजगार आज भी सुगर फैक्ट्री पर निर्भर है
अगर यह फैक्ट्री उजड़ गई तो दुकानदार बेरोजगार हो जाएंगे यह फैक्ट्री किसानों, दुकानदारों और मजदूरों के हित के लिए है
अगर फैक्ट्री को हटाया गया क्षेत्र बर्बाद हो जाएगा
इस फैक्ट्री को सही गन्ना दें,पूरा गन्ना दे,सही स्टाफ रखें,अनावश्यक खर्चो को बचाएं तभी यह प्रॉफिट में आएगी
हम डोईवाला चीनी मिल बंद किए जाने का विरोध करेंगे और मरते दम तक विरोध करते रहेंगे
हम इसको यहां से जाने नहीं देंगे”
डोईवाला चीनी मिल को बनाया जा रहा “बलि का बकरा” : सागर मनवाल
चेयरमैन प्रतिनिधि सागर मनवाल ने कहा कि यह एक सोची समझी साजिश है
अगर उत्तराखंड में कोई सुगर फैक्ट्री बंद होनी थी तो वह सितारगंज चीनी मिल है जिसकी स्थिति बहुत बदतर है
अगर सितारगंज फैक्ट्री बंद होती है तो वहां से विधायक हमारे गन्ना मंत्री हैं
तो यह समझ लीजिए कि डोईवाला चीनी मिल को बलि का बकरा बनाया जा रहा है
इंटीग्रेटेड सिटी का हिस्सा है “डोईवाला चीनी मिल” : मनोज नौटियाल
सहकारी गन्ना समिति के चेयरमैन मनोज नौटियाल ने कहा कि आज इंटीग्रेटेड सिटी को लेकर चल रहे धरना प्रदर्शन का 15वां दिन है
हमारा मानना है कि डोईवाला चीनी मिल भी इंटीग्रेटेड सिटी का ही हिस्सा है
सरकार ने जो 38000 बीघा जमीन चिन्हित की है
इसमें से 9000 बीघा जमीन सरकारी भूमि है
उसमें जो 152 बीघा जमीन का जिक्र हो रहा है वह डोईवाला चीनी मिल की जमीन है
वह कहीं ना कहीं उसी इंटीग्रेटेड सिटी का हिस्सा है
पहले माँ को मार दिया जाये तो बच्चे खुद मर जायेंगें :रणजोध सिंह
डोईवाला के बुल्लावाला में रहने वाले कृषक सरदार रणजोध सिंह ने कहा कि यह सुगर फैक्ट्री क्षेत्र की जनता ,मजदूरों और व्यापारियों की मां के के रूप में है
सरकार के द्वारा यह है सुनियोजित किया गया कि पहले मां को ही बार दिया जाए तो बच्चे अपने आप ही मर जाएंगे
यानि जब किसानों के पास खेती ही नहीं रहेगी तो वह अपनी जमीन इंटीग्रेटेड सिटी को बेचने के लिए मजबूर हो जाएंगे
सरकार क्यूं नही करती प्राइवेट चीनी मिलों जैसा काम : सरदार सुरेंद्र सिंह राणा
डोईवाला के प्रमुख काश्तकार सुरेंद्र सिंह राणा ने कहा कि
जब प्राइवेट चीनी मिलों की चीनी बाजार में ₹40 किलो बेची जा रही है
वह एक 1-1 किलो के पैकेट बनाकर भी बेच रहे हैं
तो यह काम सरकार क्यों नहीं कर सकती ?
उन्होंने कहा कि अगर यह फैक्ट्री बिक गयी तो यहां का किसान भिखमंगा हो जाएगा
मिल हटी तो टाउनशिप का आना पक्का : करतार नेगी
डोईवाला के अठूरवाला निवासी पूर्व बीडीसी करतार सिंह नेगी ने यूके तेज से बात करते हुए कहा कि
अगर चीनी मिल यहां से उठ गई तो यह निश्चित है कि इस क्षेत्र में टाउनशिप आएगी
और हमारे सभी किसानों का हक-हकूक मारा जाएगा
केवल किसान निर्भर नही : मनोहर सिंह सैनी
परवादून बार एसोसिएशन के महासचिव और इंटीग्रेटेड सिटी को लेकर चलाये जा रहे आंदोलन से जुड़े एडवोकेट मनोहर सिंह सैनी ने कहा कि
डोईवाला चीनी मिल से केवल किसान ही नही जुड़ा हुआ है
बल्कि इससे यहां का स्थानीय व्यापारी वर्ग भी जुड़ा हुआ है
इसलिये यदि चीनी मिल बंद होती है तो इसके बड़े भारी परिणाम देखने को मिलेंगें