उत्तराखंड में नए आपराधिक कानूनों को लेकर दिखेंगें ये बड़े 10 बदलाव
These 10 big changes will be seen in Uttarakhand due to new criminal laws
देहरादून ( आरपी सिंह ) : उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक, अभिनव कुमार की अध्यक्षता में आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक उपकरणों और प्रक्रियाओं पर चर्चा करना था।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ अभियोजन,न्याय विभाग और कारागार विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया।
डीजीपी ने बैठक में ये महत्वपूर्ण निर्देश किए जारी :
1-आधुनिक उपकरणों का वितरण: सभी थानों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम से लैस किया जाएगा।
इसके अलावा, निरीक्षक से लेकर मुख्य आरक्षी तक सभी अधिकारियों को टैबलेट, बॉडीवॉर्न कैमरा, मोबाइल क्राइम किट और फिंगरप्रिंट स्कैनर जैसे आधुनिक उपकरण प्रदान किए जाएंगे।
2-फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) किट: थाना स्तर पर FSL किट से संबंधित उपकरणों का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
इसके लिए पड़ोसी राज्यों से भी जानकारी ली जाएगी।
3-मोबाइल फॉरेंसिक वैन: प्रत्येक जिले को एक मोबाइल फॉरेंसिक वैन और थाना स्तर पर मोटरसाइकिल के साथ मोबाइल क्राइम किट प्रदान की जाएगी।
4-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा: न्यायालयों में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से गवाही देने के लिए थाना स्तर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम युक्त कमरे तैयार किए जाएंगे।
5-आम जनता के लिए वीडियो गवाही: न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, आम जनता के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा गवाही देने के लिए स्थानों का चयन किया जाएगा।
6-सबूत प्रबंधन केंद्र: सभी जिलों में अभियोजन विभाग के अंतर्गत Evidence Management Centre स्थापित किए जाएंगे।
7-डेटा स्टोरेज सेंटर: प्रत्येक जिले में एक डेटा स्टोरेज सेंटर Data Storage Center स्थापित किया जाएगा।
8-ई-समन व्यवस्था: ICJS और CCTNS पोर्टल में डेटा एकीकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
9-डिजिटल हस्ताक्षर: सभी जांच अधिकारियों को डिजिटल सिग्नेचर (DSC) की सुविधा प्रदान की जाएगी।
केस डायरी और चार्जशीट इलेक्ट्रॉनिक रूप से न्यायालय को भेजी जाएंगी।
10-जन जागरूकता अभियान: नए आपराधिक कानूनों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर तक जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
पुलिस महानिदेशक ने इन निर्देशों के माध्यम से उत्तराखंड पुलिस को और अधिक आधुनिक, कुशल और जनोन्मुखी बनाने का लक्ष्य रखा है।
यह कदम राज्य में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने में मददगार साबित होगा।