Uttarakhand

डोईवाला “सिपेट का संकट” ?

देहरादून : डोईवाला स्थित देश के 32 वें सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ प्लास्टिक इंजीनियरिंग (सिपेट) में पढाई कर रहे स्टूडेंट्स को राज्य से बाहर दूसरे संस्थान में भेजे जाने की खबर को लेकर असमंजस की स्थिति बन गयी।

यह जानकारी पाकर स्टूडेंट्स के कुछ परिजन सिपेट पहुंचे और इस पर अपनी नाराजगी जताई।

“यूके तेज” ने इसकी विस्तृत पड़ताल की।

आज क्या हुआ ?

सिपेट में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के कुछ परिजन संस्थान में पहुंचे और छात्रों को अन्यत्र भेजे जाने पर अपनी असहमति व्यक्त की।

क्या है पूरा सच ?

सिपेट के केंद्र प्रमुख अभिषेक राजवंश ने बताया कि संस्थान में कुछ मूलभूत सुविधाओं को जुटाने में कुछ देरी हो रही है।छात्रों को किसी प्रकार की परेशानी न हो,पढ़ाई का नुकसान न हो,वो अच्छा सीखें इसलिए कुछ समय के लिए छात्रों को बड़े संस्थान में भेजे जाने का विचार है।इन छात्रों को वापस इसी सेंटर में बुला लिया जायेगा।

इन मूलभूत सुविधाओं को जुटाने में दो से तीन माह का समय लग सकता है।

श्री अभिषेक ने बताया कि अभी केंद्र पर दो कोर्स चल रहे हैं ,पी.जी. डिप्लोमा और डिप्लोमा इन प्लास्टिक इंजीनियरिंग।

स्टूडेंट्स के पेरेंट्स से बातचीत कर सहमति बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

इन छात्रों को सिर्फ बाहर रहने और खाने का कुछ खर्च आएगा आने-जाने की व्यवस्था सेंटर के द्वारा की जाएगी।

छात्रों को अपनापन लगे इसलिए डोईवाला से स्टाफ भी साथ भेजे जाने का प्रयास है।

दिवंगत केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस सिपेट और कौशल विकास एवं तकनीकी सहयोग (सीएसटीएस) का उद्घाटन 10 जुलाई 2018 को किया था।

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