जानिए क्या होती है कोविड-19 के गंभीर रोगी के इलाज में काम आने वाली ‘प्लाज्मा थेरेपी’ ?

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देहरादून : कोविड -19 महामारी वर्तमान में मानव जाति
की सबसे बड़ी दुश्मन बन चुकी है, जिसके खिलाफ संपूर्ण विश्व लड़ रहा है।
ऐसे में कोरोना से ठीक हुए व्यक्तियों का प्लाज्मा
इसके रोगियों के इलाज में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
आइये जानते हैं क्या होती है प्लाज्मा थेरेपी :—-
जब कोई व्यक्ति किसी भी सूक्ष्म जीव से संक्रमित हो जाता है,
तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इसके खिलाफ लड़ने के
लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करने का काम करती है।
यह एंटीबॉडीज बीमारी से उबरने की दिशा में अपनी संख्याओं में वृद्धि करती हैं
और वांछनीय स्तरों तक वायरस के गायब होने तक अपनी संख्या में सतत वृद्धि जारी रखती हैं।
“कॉनवेलेसेंट प्लाज्मा थेरेपी”—-
इस प्रक्रिया में, पहले से संक्रमित होकर स्वस्थ हुए व्यक्ति का पूरा रक्त प्लाज्मा
तथा अन्य घटक एफेरेसिस मशीन द्वारा अलग किया जाता है।
प्लाज़्मा (एंटीबॉडी युक्त) को कॉनवेलेसेंट प्लाज़्मा के रूप में एकत्र किया जाता है
और अन्य लाल रक्त कोशिकाएं, श्वेत रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स
जैसे अन्य घटक प्रक्रिया के दौरान रक्तदाता में वापस आ जाते हैं।
इस प्रक्रिया द्वारा प्लाज्मा दान करना दाता के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है,
इससे रक्तदाता के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ता है।