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हिमालयन हाॅस्पिटल में की गयी महिला की सफल हाई रिस्क “बैरियाट्रिक सर्जरी”

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रजनीश सैनी 80770-62107

देहरादून : उत्तराखंड में पहला मल्टीडिसिप्लिनरी (बहु-चिकित्सीय) बैरियाट्रिक सर्जरी और बाॅडी मेटाबाॅल्जिम सेवाएं एसआरएचयू, हिमालयन हाॅस्पिटल में प्रो. हेमंत नौटियाल के अधीन खोली गई।

हाल ही में मोटापे से पीडित महिला की सफल बेरियाट्रिक सर्जरी को चिकित्सको की मल्टीडिसिप्लिनरी टीम ने अंजाम दिया।

प्रोफेसर हेमंत नौटियाल ने बताया कि देहरादून निवासी 57 वर्षीय गीता (काल्पनिक नाम) जिसका बाॅडी मास इंडेक्स 45.7, वजन 100 किलो और कद 4 फीट 8.5 इंच था और वह मोटापे के कारण कई गंभीर बीमारियों का सामना कर रही थी।

रोगी अनियंत्रित डायबिटिज, थाॅयराइड, पीठ में दर्द, घुटनों में दर्द, नींद के दौरान सांस लेने में रुकावट, उच्च रक्तचाप, कुछ कदम चलने पर सांस फूल जाना आदि सामस्या से ग्रसित थी।

रोगी की गंभीर स्थिति को देखते हुय प्रोफेसर हेमंत नौटियाल (बैरिएट्रिक और मेटाबोलिक सर्जन), कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ दीपक ओबेरॉय, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट और पल्मोनोलॉजिस्ट की देखरेख में सफल हाई रिस्क बैरियाट्रिक सर्जरी की गयी।

डाॅ. नौटियाल के अनुसार गीता की डायबिटिज पूर्णतः नियंत्रण में है और दवाओं पर भी निर्भरता कम हुयी है

एवं बिना दवाइयों के बल्ड प्रेशर सामान्य हो गया है।

अब वह अच्छे से सो पा रही है और चलने पर सांस भी नहीं फूल रही है।

डाॅ. हेमंत नौटियाल ने बेरियाट्रिक सर्जरी की विशेष ट्रेनिंग प्रोफेसर मैथायस फोबी, डाॅ. मोहित भंडारी ( मोहक बेरियाट्रिक्स और रोबोटिक सेंटर, इंदौर) एवं प्रो. हुई लियांग ( नानजिंग मेडिकल यूनिवर्सिटी, चीन ) जैसे दिग्गजों के अधीन की है।

क्या है बैरियाट्रिक सर्जरी :—-

मोटापे के शिकार मरीज जो अपना वजन डाइटिंग एवं व्यायाम से कम नहीं कर पाते है, उनके लिए बैरियाट्रिक सर्जरी कारगर ईलाज है।

यह तीन तरह की होती है- स्लीव गैस्ट्रीकटोमी, मिनी गैस्ट्रीक बाइपास और बाइपास सर्जरी।

ये सर्जरी बिना चीरा दिये लेप्रोस्कोपिक विधि से की जाती हैं।

इस सर्जरी के बाद भूख बढ़ाने वाला हार्मोन (घ्रेलिन) का बनना कम हो जाता है।

12-18 महीने में 80-85 फीसदी अतिरिक्त वजन कम हो जाता है।

वहीं गैस्ट्रीक बाइपास में आमाशय को छोटा करने के साथ साथ खाने को बाइपास कर दिया जाता है।

शरीर में जीएलपी, जीआईपी एवं पीवाईवाई हार्मोन की मात्रा बढ जाती है, जिससे मरीज को भूख कम लगती है।

इससे मरीज का वजन कम होने के साथ साथ रक्चाप, डायबिटिज व अन्य बीमारियां नियंत्रण में आ जाती है।

सर्जरी पर आने वाला खर्च :—-

महानगरों में बैरियाट्रिक सर्जरी पर आने वाले खर्च लगभग 3 से 5 लाख रूपये तक रहता है।

जबकि हिमालयन हाॅस्पिटल में यह सुविधा आधे दाम में उपलब्ध है।

साथ ही ईसीएचएस और सीजीएचस से रेफर होकर आने वाले मरीजों के लिए सुविधा उपलब्ध है।

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