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देहरादून : इंटरनेशनल ट्रैनिग एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत आज म्यांमार के 30 पुलिस अधिकारी बीएसएफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवेंचर एंड एडवांस ट्रेनिंग पहुंचे।
म्यांमार से पहुंचे इन प्रशिक्षणार्थियों के साहसिक,जोखिम तथा आपदाओं से निपटने हेतु प्रशिक्षण का शुभारंभ सीमा सुरक्षा बल के उपमहानिरीक्षक (प्रशिक्षण) आर. सी. सिंह ने किया।
अपने संबोधन में डीआईजी,आर.सी. सिंह ने कहा कि,”बीएसएफ के इस ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट ने प्रशिक्षण कार्यक्रम इस प्रकार टेलर्ड किया है,जिससे प्रशिक्षणार्थी जल,थल और आकाश में होने वाली आपदाओं और जोखिम से निपटने में सक्षम होगा।
इस प्रकार के ट्रैनिग एक्सचेंज प्रोग्राम से दोनों देश के अधिकारी एक-दूसरे के ट्रैनिग पैराडाइम और ट्रैनिग मेथोडोलॉजी को बेहतर समझ पायेंगें। उन्होंने आतंकवाद की समस्या पर बोलते हुए इसे केवल किसी एक देश के प्रति खतरा न बताते हुए पूरी मानवता के खिलाफ बताया।
उन्होंने कहा की इस प्रकार की ट्रैनिग से दो देशों के बीच जो समझ पैदा होगी वो पडोसी देशों के साझा प्रयास द्वारा आतंकवाद से कड़ा मुकाबला करने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
बीएसएफ ट्रैनिग इंस्टिट्यूट के कमांडेंट राजकुमार नेगी ने अपने संबोधन में कहा कि इस 14 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान ट्रेनीज को व्हाइट वॉटर राफ्टिंग,मरीन ड्राइव कौडियाला से शिवपुरी,ट्रैकिंग,रिवर क्रासिंग (यमुना ब्रिज),रॉक क्लाइम्बिंग ,पेरा-ग्लाइडिंग,पेरा-मोटरिंग,माउंटेन साइकिलिंग,कॉन्फिडेंस जम्प,बॉडी सर्फिंग का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
इसके साथ ही ट्रेनीज को कालसी स्थित अशोक स्तंभ और देहरादून की बुद्धिस्ट मोनेस्ट्री का विजिट भी करवाया जायेगा।
म्यांमार के अधिकारी ची था लेंठो (KYI THAR LINHTUT) ने कहा कि उनके देश में इस प्रकार के साहसिक और जोखिम से निपटने का कोई इंस्टिट्यूट नही है इसलिए यह दल प्रशिक्षण के लिए यहां आया है।उन्होंने विश्वास जताया कि अदम्य साहस और शौर्य से भरे इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद हम अपनी ड्यूटी निभाने में अधिक सक्षम और दक्ष सिद्ध होंगें।
इस अवसर पर कमांडेंट राजकुमार नेगी,डिप्टी कमांडेंट के वेलु,डिप्टी कमांडेंट मनोज पैन्यूली,डिप्टी कमांडेंट वाई. एस. रावत,दिनेश कुमार,डॉ. लक्ष्मण सिंह आदि उपस्थित थे।