देहरादून : जो अमृत पीते हैं उन्हें देव कहते हैं,
और जो विष पीते हैं उन्हें देवों के देव “महादेव” कहते हैं … !!!
कर्ता करे न कर सके शिव करे सो होय ,
तीन लोक नौ खंड में महाकाल से बड़ा न कोय।
महाकाल के भक्तों के लिए “महाशिवरात्रि” एक अनूठा पर्व है जिसकी उनके भक्तों को प्रतीक्षा रहती है।
आइये जानते हैं डोईवाला के प्रसिद्द ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश तिवारी से महाशिवरात्रि पूजन का सही समय और विधि।
“यूके तेज़” से बातचीत में पंडित रमेश तिवारी बताते हैं कि इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 4 मार्च दिन सोमवार को है।
महाशिवरात्रि का व्रत “सर्वकल्याणकारक व्रत” कहा गया है। इस व्रत को लेने से अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
क्या है महाशिवरात्रि पूजन का सही समय ?
पंडित रमेश तिवारी कहते हैं कि शिवरात्रि में रात्रि पूजन और जागरण का विशेष महत्व है।
रात्रि के 4 प्रहरों की पूजा बड़ी फलदायक होती है। 1 प्रहर 3 घंटे का होता है ….
इस प्रकार शिवरात्रि का प्रथम प्रहर सांय 6 से 9 बजे,दूसरा प्रहर रात्रि 9 से 12 बजे ,तीसरा प्रहर 12 से 3 बजे और चौथा प्रहर 3 बजे से 6 बजे होता है।
कैसे करें शिव पूजन ?
पंडित रमेश तिवारी बताते हैं कि दूध,दही,घी,शक्कर,शहद से पंचामृत के साथ ही फूल,दुर्बा,बेलपत्र,भांग,धतूरा,काले तिल,कनेर के फूल से शिव पूजन करें।
किसी योग्य पंडित से रुद्राभिषेक करवाया जाए तो इसका ख़ास महत्व होता है।
शिव भगवान की श्रद्धापूर्वक पूजा से मुक्ति,भुक्ति और मोक्ष प्राप्त होता है।