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( वीडियो ) प्रबुद्धजनों ने उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद और शहीद-ए-आजम उधम सिंह को विचार-गोष्ठी के माध्यम से दी भावांजलि

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देहरादून : बीते दिन उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती और शहीद उधम सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा डोईवाला के द्वारा गन्ना सोसायटी सभागार में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

“किसानों की समस्याएं एवं समाधान” विषय पर आयोजित इस गोष्ठी में कई प्रबुद्ध जनों ने अपने विचार व्यक्त किए।

गोष्ठी का संचालन कर रहे हैं जनवादी नौजवान सभा के जाहिद अंजुम ने बताया कि आज शहीद-ए-आजम उधम सिंह का 82वां शहादत दिवस है। इसी के साथ आज के दिन उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 142 वी जयंती है।

जाहिद अंजुम ने कहा कि,”जलियांवाला बाग नरसंहार के आरोपी “जनरल डायर” जिसे मैं “जनरल कायर” पुकारता हूं, शहीद उधम सिंह ने उनसे अपने क्रांतिकारियों के बलिदान का बदला लिया।

जन गीत गायक सतीश धौलाखंडी ने आरटीआई गीत

“मेरे बच्चों को यह जानने का हक दे,क्यों रात दिन करें मजदूरी,पाठशाला मेरे गांव नहीं”

गाकर सभी को भाव-विभोर कर दिया।

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सहकारी गन्ना विकास समिति के चेयरमैन मनोज नौटियाल ने कहा कि हमारे उत्तराखंड में शहीद उधम सिंह की शहादत को सलाम करते हुए उनकी स्मृति में उधम सिंह नगर बनाया गया है

मनोज नौटियाल ने इस अवसर पर हरिवंश राय बच्चन की कविता के अंश को भी उद्धृत किया

मंजिलें मिले न मिले, ये तो मुकद्दर की बात है,
हम कोशिश ही न करे, ये तो गलत बात है।
जिंदगी ज़ख्मों से भरी है, वक़्त को मरहम बनाना सीख लो।
हारना है तो एक दिन मौत से, फ़िलहाल जिंदगी जीना सीख लो।।

कवि साहित्यकार और युगवाणी के संपादक राजेश सकलानी ने कहा मुंशी प्रेमचंद जैसा महान रचनाकार कोई दूसरा नहीं हुआ। मुंशी प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में मानवीय संबंधों को बेहद बारीकी से उकेरा है।

सामाजिक चिंतक डॉ जितेंद्र भारती ने कहा कि पत्रकारिता की तरह साहित्य भी समाज का दर्पण होता है। उसे समाज में मशाल की तरह आगे होना चाहिए ना कि बैलगाड़ी में लटकी लालटेन की तरह पीछे होना चाहिए।

सरदार जसवीर सिंह ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद अपनी कहानियों में समाज को जोड़ने और एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य करते हैं।

 गोष्ठी के संचालक जाहिद अंजुम ने सिखों के पांचवें धर्मगुरु गुरु अर्जुन देव को याद करते हुए कहा कि उन्होंने किसानों के लगान को माफ करने और गांव-गांव सिंचाई की व्यवस्था बनवाने में अपना अहम योगदान दिया है।

अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश महासचिव और रुद्रप्रयाग के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एडवोकेट गंगाधर नौटियाल ने केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर तीन कृषि कानून जबरन थोपे जाने की बात कही।

किसान नेता उमेद बोरा ने कहा कि आज देश का अन्नदाता केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते आंदोलनरत है।

विचार गोष्ठी का समापन सतीश धौलाखंडी ने बल्ली सिंह चीमा द्वारा लिखे जन गीत ,”जिंदगी को अपनी उंगली पर नचा कर देखिए,अपनी किस्मत को जरा अब खुद जगा कर देखिए” से गाकर करी।

जोखिम पूर्ण पत्रकारिता के लिए डोईवाला के पत्रकार रजनीश सैनी को संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा सम्मानित किया गया।

जाहिद अंजुम के संचालन और दलजीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित विचार गोष्ठी में युगवाणी के संपादक राजेश सकलानी,चिंतक डॉ जितेंद्र भारती,अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश महासचिव गंगाधर नौटियाल,ट्रेड यूनियन नेता अश्विनी त्यागी,किसान सभा के जिलाध्यक्ष सरदार दलजीत सिंह,

किसान नेता उमेद बोरा,किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सरदार इंदरजीत सिंह,गुरु नानक वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष सरदार बलबीर सिंह,जसबीर सिंह,गन्ना विकास समिति के चेयरमैन मनोज नौटियाल,माइनॉरिटी बोर्ड ऑफ़ उत्तराखंड के अध्यक्ष इम्मानुएल मैस्सी,श्याम सिंह,सरदार बख्शीश सिंह,मोहम्मद अकरम,अहसान अली,महताब अली,सतीश धौलाखंडी आदि उपस्थित थे।

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