Dehradun

डोईवाला में मोबाइल टावर को लेकर पब्लिक का हंगामा,टीम ने खड़े किये हाथ

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : आज सुबह डोईवाला के चांदमारी में एक मोबाइल टावर लगाने का स्थानीय जनता के द्वारा विरोध किया गये जिसके चलते टावर को खड़ा किये जाने का काम रोक दिया गया

मोबाइल टावर लगाने वाली टीम मौके से वापस रवाना हो गयी

कहां का है मामला ?

डोईवाला के चांदमारी स्थित कब्रिस्तान के नजदीक का यह मामला है

विवादित टावर की जमीन का स्वामी कपिल उर्फ़ कल्लू सिंह है

क्या है मामला ?

इस बताये गये स्थान पर कपिल उर्फ़ कल्लू सिंह की काफी जमीन है

जिसके एक भू-भाग को कपिल के द्वारा एयरटेल कंपनी को किराये पर दिया गया है

एयरटेल को यह जमीन 5 वर्ष के लिये एक अनुबंध के तहत किराए पर दी गयी है

यहां पर विशेषकर टीचर्स कॉलोनी के निवासियों के द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है

आइये स्थानीय जनता के शब्दों में इसे जानते हैं 

क्या कहा बी डी घिल्डियाल ने ?

डोईवाला की चांदमारी स्थित टीचर्स कॉलोनी के सेवानिवृत शिक्षक विद्याधर घिल्डियाल ने यूके तेज से बात करते हुए बताया कि यहां पर बिना एनओसी (No Objection Ceritificate) के एक मोबाइल टावर लगाया जा रहा है

इसके दुष्प्रभाव के बारे में सभी लोग विदित हैं कैंसर जैसी समस्याएं सामने आती है

मोबाइल टावर लगना चाहिए हमें इसका विरोध नहीं है लेकिन यह बस्ती के भीतर नहीं लगना चाहिए

क्या कहा भू-स्वामी ने

जमीन के मालिक कपिल सिंह ने कहा कि लोकल पब्लिक के द्वारा टावर लगाए जाने का विरोध किया जा रहा है

इसे लगाये जाने को लेकर इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है

मेरे द्वारा कंपनी को जमीन केवल किराए पर दी गई है टावर लगाने में मेरा कोई रोल नहीं है

जमुना देवी नाम की महिला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम आबादी के बीच में मोबाइल टावर लगाए जाने का विरोध करते हैं

क्या कहा आर एस पंवार ने

एक प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल रतन सिंह पवार ने मोबाइल टावर का विरोध करते हुए कहा है कि यहां पर रात के समय टावर निर्माण का कार्य किया जा रहा है

इससे निकलने वाली तरंगें वह रेडिएशन की जद में आसपास के परिवार आएंगे

जिसका दुष्परिणाम देखने को मिल सकता है

श्री पंवार का आरोप है कि यह मोबाइल टावर बिना एनओसी के बनाया जा रहा है

और डिस्मेंटल किया गया टावर

स्थानीय जनता के तगड़े विरोध के चलते आखिरकार मोबाइल टावर को खड़ा करने के लिए जो टीम आई थी

उसके द्वारा बैक फुट पर आते हुए न केवल मोबाइल टावर का निर्माण कार्य रोक दिया गया

बल्कि टावर का जो एक हिस्सा खड़ा किया गया था उसे भी डिस्मेंटल कर दिया गया है

क्या है कानूनी स्थिति

कंपनी के एक व्यक्ति के द्वारा नाम प्रकाशित नहीं किए जाने की शर्त पर बताया गया है कि

इस विषय पर भारत सरकार के गजट के बिंदु संख्या 10 B में टावर लगाए जाने को लेकर किसी स्थानीय अथॉरिटी से अनापत्ति लेने की आवश्यकता नहीं बताई गई है

 

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