
देहरादून,26 सितम्बर 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : ऋषिकेश की एक अदालत ने एक ही व्यक्ति के द्वारा दो अलग-अलग मामले में देवर और भाभी के विरुद्ध दायर चेक बाउंस (Cheque Bounce) मामले में अपना निर्णय दिया है.
अदालत ने विधिक आधार (Legal Ground) पर देवर-भाभी को दोष मुक्त किया है.
अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने इस मामले की जानकारी प्रदान की है.
बताया कि वर्ष 2015 में श्यामपुर निवासी राजेंद्र सिंह सजवाण के द्वारा अपर सिविल जज ( जूनियर डिवीज़न ) ऋषिकेश की अदालत में अलग-अलग दो वाद योजित किये गये थे.
दोनों ही वाद परक्राम्य लिखत अधिनियम,1881 (Negotiable Instrument Act,1881) की धारा 138 (Section 138) के तहत दायर किये गये थे.
एक मामला रामस्वरूप भट्ट के खिलाफ लगभग 30 लाख रुपये के चेक बाउंस का था.
जबकि दूसरा मामला भुवनेश्वरी देवी के खिलाफ 13 लाख 50 हजार रुपये चेक बाउंस का था.
एडवोकेट अभिनव शर्मा ने रामस्वरूप भट्ट तथा भुवनेश्वरी देवी की ओर से अलग-अलग केस की पैरवी की.
उन्होंने बताया कि अपर सिविल जज ( जूनियर डिवीज़न ) ऋषिकेश, अभिषेक कुमार मिश्र न्यायालय ने यह माना कि परिवादी वाद पत्र में किए गए कथनों को सिद्ध नहीं कर पाया है.
जिस कारण न्यायालय द्वारा इन दोनों मामलों को खंडित करते हुए दोनों अभियुक्तों को दोषमुक्त कर दिया है.
श्री शर्मा ने कहा कि भले ही इन मामलों में निर्णय 10 वर्ष बाद आया हो मगर आज सच की जीत हुई है.