DehradunUttarakhand

UTTARAKHAND CONSTABLE EYE DONATION : उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल की मृत्यु के बाद नेत्रदान से दो व्यक्तियों का जीवन होगा रोशन

 

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ऋषिकेश आई बैंक के माध्यम से नेत्रदान कराया गया है

उत्तराखंड पुलिस विभाग में कार्यरत रहे एक कांस्टेबल की मृत्यु के पश्चात नेत्रदान Eye Donation के माध्यम से दो लोगों के जीवन में नयी रोशनी का संचार हो सकेगा

यह मामला हरिद्वार की पुलिस लाइन में तैनात पुलिस आरक्षी दिवंगत विरेंद्र सिंह चौहान का है

उनके परिजनों ने मृत्यु उपरांत नेत्रदान Eye Donation कराया।

नेत्रदान के प्रति जागरुक लोगों के इस प्रयास से दो नेत्रहीन लोगों का जीवन रोशन हो सकेगा

और वह ईश्वर की बनाई हुई इस रंगबिरंगी दुनिया को देख सकेंगे।

एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने नेत्रदान जैसे महादान के इस पुनीत संकल्प के लिए दिवंगत पुलिस आरक्षी के परिजनों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि इससे अन्य लोगों को भी नेत्रदान के संकल्प की प्रेरणा लेनी चाहिए।

एम्स ऋषिकेश के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि उटेल निवासी विरेंद्र सिंह चौहान (30 वर्ष) का बीते बुधवार की रात सड़क हादसे में असामयिक निधन हो गया।

उनके निधन के बाद भाई राजेश चौहान ने अपने दिवंगत प्रियजन का नेत्रदान कराया।

उनके सहयोगी पुलिस प्रशासन की टीम के सदस्यों ने बताया कि दिवंगत चौहान ने जीते जी मानव सेवा में बहुत योगदान दिया

तथा जाने के बाद भी अपनी आंखों से दो नेत्रहीन लोगों का जीवन रोशन कर गए।

एम्स आई बैंक की ओर से बताया गया कि इस Eye Donation नेत्रदान महादान के लिए एम्स पुलिस चौकी प्रभारी बिनेश कुमार, अरुण गुसाईं और अमित पंवार का विशेष योगदान रहा।

गौरतलब है कि ऋषिकेश आई बैंक (एम्स) को स्थापना के बाद से अब तक 812 कॉर्निया प्राप्त हुए हैं।

जिनमें से अधिकांश कॉर्निया जरुरतमंद लोगों को प्रत्यारोपित किए जा चुके हैं l

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!