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देहरादून : श्री गुरु नानक देव की जन्मस्थली पाकिस्तान के ननकाना साहिब से चलकर आज अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन का डोईवाला पहुँचने पर श्रद्धा और उत्साह के साथ हज़ारों की सिख संगत ने स्वागत किया।
आप विडियो देखियेगा :—-
अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन का फूलों की वर्षा से हुआ स्वागत :—-
लच्छीवाला से लगातार सड़क के दोनों ओर खड़े श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया।
यात्रा के सबसे आगे घोड़े पर सवार निहंग साहिब,इसके पीछे कईं कुंटल फूलों की पंखुड़ियों से भरा ट्राली लिए ट्रैक्टर था जो सड़क पर फूलों को बिछा रहा था।
पंजाब से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पायलट वाहन के ठीक पीछे पंज प्यारे और पालकी साहिब और इसके पीछे वाली मॉडिफाइड बस में शस्त्र प्रदर्शित किये गये थे।
भाव-विभोर हुई संगत :—-
गुरुद्वारा श्री लंगर हॉल के प्रधान सरदार गुरदीप सिंह ने बताया कि,”
ऐसा लग रहा है जैसे ननकाना साहिब से चलकर स्वयं साक्षात् गुरु नानक देव जी महाराज संगत को दर्शन देने आ गए हो। “
भाजपा नेता करण वोहरा ने कहा कि,”हजारों की संख्या में जिस तरह से संगत उमड़ी है
ये नगर कीर्तन अदभुत,अलौकिक और दिव्य है। “
सरदार सुरेंद्र सिंह खालसा ने कहा कि ,”बाबा नानक देव जी का सन्देश है ,”चहुँ वर्णा को साँझा” ,उन्होने सभी वर्णों को एक माला में पिरोने का कार्य किया है। “
मुस्लिमों ने किया स्वागत,एकता की दी मिसाल :—
गुरु नानक देव के एक मुस्लिम शिष्य भी थे।
लाहौर से यात्रा के चलने पर अटारी बॉर्डर तक भी बड़ी संख्या में मुस्लिम यात्रा के साथ आये थे।
डोईवाला में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला जब यात्रा के स्वागत को मुस्लिम जुटे।
हाजी मोहम्मद इक़बाल ने कहा कि,”गुरु नानक देव का सन्देश पूरी मानवता के लिए है,हमें चाहिए कि हम सभी हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई मोहब्बत और इखलाक के साथ रहें।
मार्खम ग्रांट के पूर्व प्रधान अब्दुल रज़्ज़ाक ने कहा कि ,”गुरु नानक देव एक बहोत बड़े दरवेश थे उन्हें जितना सिख मानते हैं उतना ही मुसलमान भी मानते हैं।”
स्वागत करने वालों में प्रमुख रूप से गुरुद्वारा लंगर हॉल के प्रधान सरदार गुरदीप सिंह,उपप्रधान इंदरजीत सिंह,मैनेजर गुरबचन सिंह,सेक्रेटरी जसविंदर सिंह,स्टेज सेक्रेटरी सरदार सुरेंद्र सिंह खालसा,भाजपा नेता करण वोहरा,उमेश जौहर ,सुनील बर्मन,हाजी मोहम्मद इकबाल,अब्दुल रज़्ज़ाक,हरविंदर सिंह,अवतार सिंह,बलविंदर सिंह आदि हजारों की संख्या में संगत उपस्थित थी।