माउंट एवरेस्ट फतह कर दून लौटने पर अमीषा चौहान का जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर स्वागत
देहरादून : विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर अपने गृह जनपद लौटने पर अमीषा चौहान का टीएचडीसी सहित मित्रों-परिजनों ने जोरदार स्वागत किया।
आज फ्लाइट से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची अमीषा चौहान ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई बेहद कठिन थी।
पहली दफा उन्हें ऑक्सीजन की समस्या आने के कारण वापस बेस कैंप लौटना पड़ा था लेकिन उन्होंने हिम्मत नही हारी
अपने बुलंद इरादों के बूते दूसरे प्रयास में माउंट एवरेस्ट फतह किया।
अमीषा के पिता आर. एस. चौहान ने बताया कि बीती 20 मार्च को उनकी बेटी काठमांडू पहुंच गयी थी
और 23 मई को माउंट एवरेस्ट पर विजय हासिल की।
बछेंद्री पाल से ली प्रेरणा :—
देहरादून के नकरौंदा की रहने वाली अमीषा चौहान ने पत्रकारों को बताया कि वो बछेंद्री पाल को अपना प्रेरणा स्रोत मानती हैं।
वो अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता,रिश्तेदार और प्रायोजकों को देना चाहती हैं।
म्हारी छोरी कौन सा छोरों से कम हैं :—–
अमीषा चौहान ने कहा कि लड़कियां किसी भी मायने में लड़कों से कम नही हैं।
माता-पिता को चाहिए कि वो बेटियों को भी बेटों के बराबर अवसर प्रदान करे जिससे वो भी बेटों से बराबरी कर सकें।
मुख्यमंत्री के ओएसडी धीरेन्द्र पंवार ने अमीषा चौहान का उनके घर जाकर सम्मान किया।
श्री पंवार ने कहा कि एवरेस्ट फतह कर अमीषा ने उत्तराखंड का मान बढ़ाया है जिससे हमारे प्रदेश की नयी पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।