मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले मनोज नौटियाल,दिनेश चौहान,गन्ना किसानों के 60% बकाया भुगतान व अन्य मुद्दों के हल पर की वार्ता

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देहरादून : डोईवाला गन्ना विकास सहकारी समिति के चेयरमैन मनोज नौटियाल, देहरादून गन्ना विकास सहकारी समिति के चेयरमैन दिनेश चौहान
व डोईवाला गन्ना समिति के पूर्व चेयरमैन ईश्वर चंद पाल ने मुख्यमंत्री से भेंट कर
गन्ना किसानों के बकाया मूल्य व डोईवाला शुगर मिल की
जर्जर स्थिति पर वार्ता कर समाधान की मांग की।
इन बिंदुओं पर हुई चर्चा :—
जल्द हो किसानों का बकाया भुगतान :—
डोईवाला शुगर मिल के किसानों का लगभग 60% भुगतान बकाया है
जिसकी वजह से किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ये भुगतान जल्द हो।
कोरोना की भेंट चढ़ा शुगर मिल का आधुनिकीकरण :—-
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी डोईवाला शुगर मिल का आधुनिकीकरण चाहते हैं।
इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने कानपुर की एक संस्था को
डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार करने को
15 लाख धनराशि में से 2.5 लाख मंजूर भी कर दिए थे।
लेकिन कोरोना के चलते ये DPR की कवायद परवान न चढ़ सकी।
और हाथ से फिसल गया इथेनॉल प्लांट :—-
डोईवाला शुगर मिल की आय बढ़ाने को इथेनॉल प्लांट को संजीवनी माना जा रहा था
लेकिन दून घाटी के मानकों और पर्यावरणीय कानूनों के चलते
वो भी हाथ से फिसल के बाजपुर शुगर मिल चला गया है।
काम के बोझ में दबा ‘1’ क्लर्क :—
डोईवाला व देहरादून गन्ना समिति में वर्तमान में
एक ही लिपिक कार्य कर रहा है जिसे भिन्न-भिन्न 17 प्रकृति के कार्य करने पड़ रहे हैं।
गन्ना सर्वे, खाद व गन्ना भुगतान आदि के लिए
अन्य लिपिकों की व्यवस्था करने को सीएम से गुहार लगायी गयी है।
क्षमता से कम चली शुगर मिल :—
डोईवाला शुगर मिल की स्थिति साल दर साल खराब होती जा रही है।
शुगर मिल डोईवाला की प्रत्येक दिन की पेराई क्षमता 25000 कुंटल है।
वही मिल द्वारा पिछले वर्ष 15000 कुंटल दिन की पेराई की गई।
जिस वजह से मिल को 2 मई तक चलाना पड़ा।
इसका खामियाजा मिल और किसानों को उठाना पड़ा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के द्वारा इन सभी मुद्दों पर सकारात्मक हल की बात कही गयी है।