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“ट्रांसपोर्ट बुकिंग फर्जीवाड़ा”,रानीपोखरी के व्यक्ति से हुई ठगी,अन्तर्राज्जीय गिरोह के 06 सदस्य गिरफ्तार

“Transport booking forgery”,Ranipokhari’s person cheated,06 members of interstate gang arrested
देहरादून पुलिस के द्वारा रानीपोखरी के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ की गई ठगी के मामले में जब जांच पड़ताल की गई तो एक इंटरस्टेट गिरोह निकल कर सामने आया जिसके 6 सदस्यों को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है.

 

>20 से 27 साल उम्र वर्ग के हैं आरोपी
>ट्रांसपोर्ट बुकिंग के नाम पर करते थे ठगी
>फर्जी कंपनी के नंबर नेट पर अपलोड
>जस्ट डायल से पहुंचते थे लोग ठगों तक
>ट्रांसपोर्ट बुकिंग के लिए करते थे कांटेक्ट
>फर्जी बिल्टी भेज मंगवाते थे एडवांस पेमेंट
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रजनीश प्रताप सिंह तेज

देहरादून :

कब और कैसे हुई ठगी ?

रानी पोखरी के रहने वाले विजय भट्ट एक कॉमन सर्विस सेंटर संचालित करते हैं.

पिछले साल 24 मार्च 2022 को विजय भट्ट के कॉमन सर्विस सेंटर पर दो व्यक्ति आये जिन्होंने विजय भट्ट से कहा कि हम आपके अकाउंट में ₹50000 डलवा रहे हैं आप हमें यह रकम नगद दे दें जिसके बदले हम कुछ पैसे आपको दे देंगें.

इस पर विजय तैयार हो गए जब विजय भट्ट के अकाउंट में ₹50000 आए तो उन्होंने ₹49500 वापस उन्हें नगद प्रदान कर दिए.

ऐसे चला ठगी का पता

इस घटना के कुछ दिन के बाद जब विजय अपने खाते से पैसे निकलवाने के लिए बैंक गए तो मालूम चला कि उनका बैंक अकाउंट होल्ड हो रखा है.

विजय भट्ट की जानकारी करने पर बैंक के द्वारा उन्हें एक मोबाइल नंबर दिया गया जब उन्होंने जानकारी करी तो मालूम चला कि दूसरे व्यक्ति ने बताया कि हमारा ज्योति रोडलाइंस के नाम से गाजियाबाद में ट्रांसपोर्ट का काम है.

हमारी कुछ मशीनें रोहतक हरियाणा से गोरखपुर आनी थी जिसके लिए हमने ऑनलाइन ट्रांसपोर्ट का नंबर ढूंढा था और किसी व्यक्ति ने फर्जी तरीके से हमारे से ₹50000 आपके खाते में जमा करा दिए थे.

जब हमें पता चला कि यह व्यक्ति फर्जी हैं और हमें कोई ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था नहीं की गई तो फिर हमने आपके बैंक खाते को होल्ड करा दिया तब जाकर विजय भट्ट को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है.

शक के दायरे में नीले रंग की कार

इस धोखाधड़ी की घटना के सामने आने पर पुलिस ने अलग अलग टीम गठित करते हुए विजय भट्ट के कॉमन सर्विस सेंटर पर आने वाले मार्गों पर लगे हुए सीसीटीवी कैमरे को चेक किया तो पुलिस टीम को चार से पांच संदिग्ध व्यक्ति एक नीले रंग की दिल्ली नंबर की कार में आते-जाते दिखाई दिए.

जब पुलिस द्वारा लगातार उनकी जांच पड़ताल की गई तो मालूम चला कि यह शक के दायरे में आने वाले व्यक्ति देहरादून के मियांवाला के आसपास रुके हुए हैं.

स्मार्ट सिटी और यातायात कार्यालय से भी इन इस संदिग्ध वाहन के रूट के बारे में जानकारी की गई तो मालूम चला कि यह संदिग्ध वाहन ज्यादातर थानों-रायपुर रोड और हर्रावाला-डोईवाला के बीच में आना-जाना करता है.

पुलिस टीम द्वारा इस मार्ग पर निगरानी की गई और मुखबिर की सूचना पर कल शाम 7:30 बजे भोगपुर थानों रोड से इस नीले रंग की कार वाहन संख्या DL10 CS 7534 ERTIGA BLUE COLOUR में सवार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

क्या बताया आरोपी सत्यम ने

पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी सत्यम ने बताया कि लगभग 6 महीने पहले उसने देहरादून के हर्रावाला में विंडलास में एक फ्लैट किराए पर लिया था जिसमें वह अपने एक अन्य साथी के साथ लगभग 1 महीने पहले रहने के लिए आया था.

सत्यम ने बताया कि वह अपने कुछ मोबाइल नंबर फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी के नाम से नेट पर अपलोड किए गए हैं और ऑनलाइन या जस्ट डायल मोबाइल ऐप के माध्यम से वह लोग ट्रांसपोर्ट बुकिंग के लिए उन नंबरों को सर्च करके लोग उनसे कांटेक्ट करते हैं.

बिल्टी और ट्रक का फर्जीवाड़ा

ऐसे में सत्यम उनको कॉल करके ट्रांसपोर्ट बुकिंग के नाम पर फर्जी तरीके से बिल्टी और ट्रक की फोटो भेज कर एडवांस में पैसा जमा करा देते हैं.

सत्यम ने बताया कि वह जिस नंबर से उन्हें कॉल की जाती थी उस सिम को वह तोड़ देते थे.

सत्यम ने बताया कि हम यह सारे सिम कार्ड कहीं से भी खरीद लेते थे और बाद में अपने किसी जानने वालों से सिम को एक्टिवेट करा देते हैं.

और जब तक सिम का वेरिफिकेशन होता है तब तक सिम को इस्तेमाल कर फेंक देते हैं.

लोगों से ठगी करने के बाद मांगे गए पैसों को हमारे द्वारा एक फर्जी यूनियन बैंक के खाते में डलवाए जाते थे जिन्हें निकालने के लिए हमारे द्वारा फोन पर यूनियन बैंक का एक ऐप डाउनलोड किया गया था.

जिससे हम यूपीआई के माध्यम से या किसी कॉमन सर्विस सेंटर या दुकान वाले के खाते में ट्रांसफर कर उससे नगद प्राप्त कर लेते थे या एटीएम से निकाल लेते थे.

तो ऐसे की रानीपोखरी के विजयभट्ट के साथ ठगी

सत्यम ने पुलिस को बताया कि कुछ समय पहले गाजियाबाद के एक व्यक्ति द्वारा हमसे ट्रांसपोर्ट बुकिंग के बारे में संपर्क किया गया जिससे हमारे द्वारा अपने विश्वास में लिया गया था और उन पैसों को ट्रांसफर करवाने के लिए हम देहरादून से बाहर की किसी कॉमन सर्विस सेंटर्स की तलाश में थे.

हमने उन पैसों को ट्रांसफर करवाने के लिए रानीपोखरी के सीएससी सेंटर के मालिक से संपर्क किया उसे उसके एवज में कुछ पैसे देने की बात की गई तो वह तैयार हो गया उसके बाद हमने गाजियाबाद से उसके खाते में ₹50000 डलवा कर उससे ₹49500 नगद प्राप्त कर लिए.

अन्य राज्यों में भी किया है फर्जीवाड़ा

पुलिस द्वारा आरोपियों से पूछताछ और जांच में पाया गया कि उनके द्वारा अभी तक हरियाणा फरीदाबाद से एक व्यक्ति से ₹47000 ,अहमदाबाद गुजरात से एक व्यक्ति से ₹60000 तथा झांसी झारखंड से एक व्यक्ति से ₹125000 यूनियन बैंक के फर्जी खाते में डलवाए गए.

पुलिस द्वारा इन सभी व्यक्तियों से संपर्क कर जानकारी की गई तो उनके द्वारा अपने साथ हुई ठगी के बारे में अपने नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है

इसके अलावा आरोपी के द्वारा अन्य राज्य में भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया है जिसके बारे में और जानकारी प्राप्त की जा रही है.

इन्हें किया गया गिरफ्तार

1- सत्यम सिंह पुत्र दीप सिंह रजावत नि0 ग्राम कैलोर थाना माधोगढ़ जिला जालौन, उ0प्र0, उम्र 26 वर्ष
2- ऋषिराज सिंह उर्फ गौरव पुत्र रामप्रकाश सिंह चौहान नि0 ग्राम सहन थाना कुर्रा जिला मैनपुरी, उ0प्र0,उम्र 20 वर्ष
3- राहुल सिंह पुत्र राकेश सिंह नि0 ग्राम मजगांव थाना मजगांव जिला हमीरपुर, उ0प्र0, उम्र 25 वर्ष
4- रितिक चौहान पुत्र अशोक चौहान नि0 अग्रवाल मोहल्ला कोतवाली मैनपुरी उ0प्र0, उम्र 20 वर्ष
5- अंकित प्रताप सिंह पुत्र सुपेन्द्र सिंह नि0 हरोली थाना माधोगढ़ जिला जालौन उ0प्र0, उम्र 25 वर्ष
6- कृष्णेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र कमोद प्रताप सिंह नि0 माधोगढ़ जिला जालौन उ0प्र0, उम्र 27 वर्ष

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