Sensor Based IoT Pilots : उत्तराखंड के डोईवाला का दूधली एडवांस्ड श्रेणी का “सेंसर बेस्ड आईओटी” वाला इकलौता गांव

Sensor Based IoT Pilots
डोईवाला का दूधली उत्तराखंड का एकमात्र गांव हैं
जिसमें एडवांस्ड- सेंसर बेस्ड आईओटी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है
इस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल पुरे देश में मात्र 15 स्थानों पर किया जा रहा है
जिनमें से दूधली गांव भी एक है
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रजनीश प्रताप सिंह
देहरादून : डिजिटल तकनीक Digital Technology ने
हमारी जिंदगी में क्रांतिकारी परिवर्तन किये हैं
जिनसे आप एक साथ कईं कामों को आसानी से मैनेज कर सकते हैं
इसी तरह की एक तकनीक है आईओटी (IoT)
तो सरल तरीके से समझते हैं क्या है आईओटी ?
गजब चीज है इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स
इन्टरनेट से जुडी वस्तुओ व यंत्रो को Internet of Things कहा जाता है
यह एक ऐसी प्रणाली है, जहां इंटरनेट सर्वव्यापक सेंसर के माध्यम से भौतिक दुनिया से जोड़ा जा सकता है
पहले से चल रही टेक्नोलॉजी को स्मार्ट टेक्नोलॉजी में परिवर्तित किया जा रहा है
इंटरनेट ऑफ थिंग्स के अंतर्गत आपका एक डिवाइज आपके घर,
ऑफिस, किचन आदि में मौजूद अन्य डिवाइसेज को कमांड देता है
इस तरह से एक डिवाइस को इंटरनेट के साथ लिंक कर के बाकी
डिवाइसेज से अपने अनुसार कुछ भी कार्य करवाया जा सकता है
Sensor Based IoT Pilots
उदहारण के लिये –
अगर कोई व्यक्ति अपने घर पहुंचने से पहले चाहता है कि
उसके कमरे की AC चालू हो जाए और घर पहुंचते ही उसे अपना कमरा एकदम ठंड़ा मिले
या फिर घर से निकलते समय AC बंद करना भूल गए तो आप
IOT Device की सहायता से ON & Off कर सकते है
Real Time Information without Human Intervention
इंटरनेट ऑफ थिंग्स के माध्यम से बिना किसी मानवीय दखल अंदाजी
के सेंसर के द्वारा रीयलटाइम इंफॉर्मेशन प्राप्त की जाती है
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इस तकनीक के इस्तेमाल से जल आपूर्ति को लेकर सरकार और
नागरिक प्रभावशाली ढंग से योजना के क्रियान्वयन को धरातल पर उतरते हुए देख सकते हैं
इस तकनीक के माध्यम से पानी की गुणवत्ता Quality,पानी के प्रेशर Pressure,
कितने लोगों को पानी मिल पा रहा है, पानी में कितनी क्लोरीन की मात्रा घुली हुई है
ऐसी तमाम जानकारियां उपलब्ध होगी
एक पारदर्शी तरीका होगा सरकार की योजना को धरातल पर उतरते हुए देखने का
केंद्रीय मंत्री आये थे दुधली गांव
बीती 9 अक्टूबर को केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
प्रहलाद पटेल ने डोईवाला के दुधली गांव में 126.80 लाख की
लागत से दूधली में पेयजल योजना का सुदृढ़ीकरण कार्य का लोकार्पण किया था
इस कार्यक्रम में डोईवाला विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत,
पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल प्रमुख रूप से उपस्थित थे
ग्राम प्रधान श्याम सिंह धामी ने बताया कि 1431 की आबादी वाले
दूधली गांव के 299 घरों में बोरवेल के माध्यम से प्रतिदिन
साढ़े पांच घंटे पेयजल की आपूर्ति की जा रही है
Sensor Based IoT Pilots
देश में लगे हैं 15 पायलट प्रोजेक्ट
भारत सरकार के द्वारा देश के 15 स्थानों पर अलग-अलग स्तर के प्रोजेक्ट लगाए गये हैं
5 एडवांस्ड -सिरोही-राजस्थान,शिमला-हिमाचल प्रदेश,देहरादून-उत्तराखंड के अलावा कर्णाटक और आंध्र प्रदेश शामिल हैं
जबकि इंटरमीडिएट स्तर के 4 प्रोजक्ट में से तीन टिहरी गढ़वाल,उत्तराखंड और एक नासिक,महाराष्ट्र में स्थित है
बेसिक स्तर के 5 में से चार प्रोजेक्ट दाहोद,गुजरात और एक लेह लद्दाख में लगाया गया है
क्या है उद्देश्य
सरकार द्वारा तय किया गया कि दूरस्थ निगरानी के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स आई टी का प्रयोग किया जाए
जो मानवीय हस्तक्षेप के बिना संवेदक Sensor और
संचार के बुनियादी ढांचे सेंसर और कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रयोग करते हुए
वास्तविक समय की जानकारी दे सकें
यह ना सिर्फ उस स्थान का प्रभावी ढंग से निगरानी और प्रबंध करेगा
बल्कि उच्च अधिकारियों जनप्रतिनिधियों और जनता को
वास्तविक समय में Real Time समस्या की जानकारी भी देगा
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6 लाख गांव और टाटा का साथ
जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा देश के 6 लाख गांवों में जल जीवन मिशन
के क्रियान्वयन की निगरानी को सुनिश्चित करने के लिए
डिजिटल तकनीक को अपनाते हुए सेंसर बेस्ट आईओटी डिवाइस का इस्तेमाल किया जा रहा है
इसके लिए राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के द्वारा टाटा कम्युनिटी इनीशिएटिव्स ट्रस्ट (TCIT)
और टाटा ट्रस्ट के सहयोग से देश के पांच राज्यों उत्तराखंड ,राजस्थान ,
गुजरात ,महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश में यह पायलट प्रोजेक्ट लगाए गए हैं
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