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अजब सिंह केस : मरीज को अपनी इच्छा से ले गए परिजन, हॉस्पिटल ने नहीं किया मृत घोषित

एक बड़ा ही अजब -गजब वाकया पेश आया है कि एक मुर्दा तब जिंदा हो उठा जब उसको अंतिम यात्रा के लिये गंगाजल से नहलाया गया.

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प्रियंका प्रताप सिंह

देहरादून :

कहाँ के रहने वाला है व्यक्ति

यह व्यक्ति लक्सर खानपुर के कर्णपुर गांव का रहने वाला है इनका नाम अजब सिंह है इनकी उम्र 60 वर्ष है अजब सिंह पेशे से किसान हैं.

वेंटीलेटर पर था अजब सिंह

लगभग दो हफ्ते पहले उनका शुगर और ब्लड प्रेशर कम होने पर परिजनों ने उन्हें डोईवाला (देहरादून) के एक बड़े निजी अस्पताल में भर्ती कराया।

पिछले चार-पांच दिन से अजब सिंह वेंटिलेटर पर थे। उनके बेटे अनुज और अर्जुन ने आरोप लगाया कि गुरुवार को अस्पताल के डॉक्टरों ने पिता को मृत घोषित कर दिया.

हुयी शमशान ले जाने की तैयारी

अजब सिंह के परिवारवालों ने अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी। सनातन परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार से पहले शव को गंगाजल से स्नान कराने की परंपरा है.

स्नान के लिए गांव के मांगेराम और मोहन ने बुजुर्ग के शरीर पर पड़ा कफ़न हटाया, तो उन्हें बुजुर्ग की सांस चलती हुई महसूस हुई। दूसरे लोगों ने बुजुर्ग का हाथ दबाकर देखा तो उनके हाथ की नाड़ी भी धड़क रही थी.

अजब सिंह के मुंह में चम्मच से पानी डाला तो उन्होंने पानी पी लिया इसके बाद परिजन उन्हें लेकर तुरंत लक्सर लेकर आए और एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है जहां डॉक्टरों ने बुजुर्ग की हालत अब खतरे से बाहर बताई है।

क्या कहा हॉस्पिटल प्रबंधन ने

देहरादून के हॉस्पिटल प्रबंधन ने यूके तेज़ से बात करते हुये अजब सिंह के बेटो द्वारा लगाये गये आरोपों को ख़ारिज किया है .हॉस्पिटल के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया है कि अजब सिंह के परिजन अपनी इच्छा से मरीज को ले गए थे.

परिजन लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस (लामा ) रिपोर्ट के आधार पर बीमार व्यक्ति को अपने साथ ले गए थे.अजब सिंह को हॉस्पिटल द्वारा मृत घोषित नहीं किया गया था.

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