
देहरादून,8 जुलाई 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : डोईवाला के कुडकावाला स्थित ‘दून स्क्रीनिंग’ स्टोन क्रशर में एक नाबालिग लड़की की संदिग्ध मौत के बाद उपजे तनाव हिंसक विरोध प्रदर्शन तथा पुलिस पर पथराव,पुलिसकर्मियों के घायल होने के मामले में 27 नामजद लोगों सहित लगभग 200 से अधिक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
क्या है मामला ?
डोईवाला के कुडकावाला स्थित ‘दून स्क्रीनिंग’ स्टोन क्रशर में एक महिला की संदिग्ध मौत के बाद उपजा तनाव हिंसक विरोध प्रदर्शन में बदल गया था.
केशवपुरी बस्ती निवासी एक नाबालिग लड़की ने कथित तौर पर स्टोन क्रशर कर्मियों द्वारा कमरे में बंद किए जाने के बाद फांसी लगा ली थी.
इस घटना के बाद,उसी दिन रात्रि प्रदर्शन के बाद अगले दिन सुबह बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने राजमार्ग जाम कर दिया और पुलिस पर पथराव किया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए.
सूचना मिलते ही पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए कोरोनेशन अस्पताल भेजा था.
इस घटना के संबंध में डोईवाला कोतवाली में मुकदमा संख्या 182/2025 धारा-103(1)/64 (1)/127(2) बीएनएस व ¾ पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.
पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया था, और परिजनों की सहमति से मृतिका का दाह संस्कार श्मशान घाट लक्खीबाग देहरादून में किया गया.
इनके खिलाफ मुकदमा हुआ दर्ज
इस मामले में
नरेश उनियाल (रानीपोखरी, देहरादून)
अविनाश सिंह
अभिनव पाल
गंगा देवी
बिपिन राणा
पुनिता (पत्नी मजनू)
सुनील
महेंद्र
राका
अमन
पूजा (पत्नी किशन)
मालती
विमला (पत्नी भिकन साहनी)
बबलू
राजू
लपटोलिया (पत्नी राजू साहनी)
रधिया (पत्नी दिनेश साहनी)
तेतरी (पत्नी रामबाबू साहनी)
कालीजी (पत्नी महेंद्र कपड़े वाला)
गौरिला
फूलिया (पत्नी फूलवा)
पिंटू (पुत्र राजकुमार)
अर्जुन
राखी
शीतल उर्फ डोरियों
सुनील
मनोज उर्फ डमरा
सहित 200 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
प्रदर्शनकारी पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शव को जनता के हवाले करने की मांग कर रहे थे
मौके पर शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस अधीक्षक ग्रामीण द्वितीय और क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश के साथ पर्याप्त पुलिस बल मौजूद था,
जिसमें प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश प्रदीप राणा, व0उ0नि0 शिशुपाल सिंह राणा, प्रभारी निरीक्षक रायवाला बी0एल0 भारती, व0उ0नि0 मनवनर सिंह नेगी, प्रभारी निरीक्षक मसूरी संतोष कुंवर, प्रभारी निरीक्षक शंकर सिंह बिष्ट, थानाध्यक्ष राजपुर सैंकी कुमार, थानाध्यक्ष कालसी दीपक धारीवाल, थानाध्यक्ष विकेन्द्र सिंह और थाना रानीपोखरी निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह राणा और निरीक्षक योगेश दत्त सहित पुलिस लाइन देहरादून से भी बल बुलाया गया था.
पुलिस पर पथराव, कई कर्मी घायल
डोईवाला पुलिस ने अनुसार पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने-बुझाने की काफी कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे.
भीड़ कस्बा चौक से थाना गेट पर आ गई और दोबारा शव को जनता के हवाले करने की मांग करने लगी.
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण द्वितीय रेनू लोहानी द्वारा उनसे पुनः वार्ता की गई,
लेकिन वे नहीं माने, जिसके कारण पूरा राजमार्ग जाम हो गया और यातायात बुरी तरह बाधित हुआ, जिससे आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
काफी प्रयासों के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने जाम नहीं खोला और भीड़ ने मौके पर मौजूद पुलिस बल पर पथराव शुरू कर दिया.
इस पर भीड़ को तितर-बितर कर राजमार्ग पर लगे जाम को खोला गया.
सभी प्रदर्शनकारियों को केशवपुरी बस्ती तक ले जाया गया, जहां बस्ती में जाने पर लगभग 200 लोगों ने एक राय होकर पुलिस पर जान से मारने की नीयत से दोबारा पथराव करना शुरू कर दिया.
इस घटना में ड्यूटी पर नियुक्त कानि0 4423 हितेश कुमार आई0आर0बी0 II पी0ए0सी प्लाटून के बाएं कान पर पत्थर लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए
उन्हें तत्काल सरकारी वाहन से डोईवाला के सरकारी अस्पताल भेजा गया,
जहां डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें हायर सेंटर जौलीग्रांट रेफर कर दिया, जहां उनका इलाज चल रहा है.
इस पथराव में उ0नि0 सुमित चौधरी, का0 543 वीर सिंह, का0 सोविन्द्र सिंह और म0का0 चीनू राठी को भी चोटें आई हैं.
अन्य पुलिसकर्मी बाल-बाल बचे.
घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई.
इन धाराओं में हुआ मुकदमा दर्ज
धारा 109-हत्या का प्रयास
धारा 126 (2) – सदोष अवरोध
धारा 132 -लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग
धारा 121 (2)-अपने कर्तव्य के निर्वहन में लोक सेवक होने के नाते किसी व्यक्ति को स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना
धारा 352 -शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना
धारा 190 -गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य उद्देश्य के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी है
धारा 191-दंगा
धारा 221 -लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना
धारा 115 (1)-स्वेच्छा से चोट पहुँचाना