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( PRIYANKA SAINI )
देहरादून : डोईवाला के थानों अंतर्गत रामनगर डांडा गांव के एक घर के आंगन में बना गड्ढा एक बार फिर से मनवाल परिवार के लिए जी का जंजाल बन गया है।
अब इस गड्ढे को लेकर पूरा परिवार हलकान है।

राजेंद्र मनवाल के पुत्र अजय मनवाल ने बताया कि कल शाम यह गड्ढा हल्का हल्का धंसा था लेकिन आज सुबह यह यह गड्ढा फिर धंस गया है।
पिछली बार क्षेत्रीय पटवारी,तहसीलदार आदि के द्वारा इसका मौका मुआयना किया गया था।
जिसके बाद लगभग 40 ट्रॉली माल डाल कर इस गड्ढे को ऊपर तक भर दिया गया था।
घर में आवाजाही के लिए एकमात्र रास्ते में गड्ढा धंसने के कारण पूरा परिवार परेशान है कि आखिर हम जाएं तो कहां जाएं।
अजय मनवाल ने बताया कि हमारी सरकार से मांग है कि वह जांच करें और हमारे परिवार को कहीं ओर पुनर्वास किया जाए।
क्या है पिछले साल का किस्सा :–
बीते साल 26 दिसंबर को राजेंद्र मनवाल के मकान के निर्माण कार्य के लिए रेत का एक ट्रक आया।जब ट्रक उनके घर के आंगन की ओर आया तो ट्रक का एक पहिया धंस गया।
जिसके बाद राजेंद्र मनवाल के घर के आंगन में लगभग 50 फ़ीट गहरा गढ्ढा बन गया था।
इस अजब-गजब नजारे को देखने के लिए तमाशबीनों का हुजूम उमड़ पड़ा था। यह मामला मीडिया की सुर्खियों में भी छाया रहा।
राजेंद्र मनवाल के पुत्र अजय सिंह मनवाल बताते हैं कि यह गढ्ढा ऊपर से लगभग साढ़े तीन फ़ीट चौड़ा था जो भीतर से लगभग 8 से 9 फ़ीट चौड़ा था।
उन्होंने जब 39 फीट लम्बाई का एक सरिया इस गढ्ढे में डाला था तो वो भी इसके तल को नही छू सका था।
ऊपर से जब भी कोई ईंट या पत्थर इस गड्ढे में फेंका जाता था तो उसकी आवाज तो आती लेकिन उसका पता नही चल पाता कि वो गया तो आखिर कहां गया।
इस गढ्ढे के भीतर अब तक कोई ईंट की चिनाई भी नही दिख रही थी जिससे इसे पूर्व में कुंआ कहा जा सके।इसमें केवल मिटटी ही मिटटी है।
