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मातृभाषा का जीवन में है महत्वपूर्ण योगदान,एसआरएचयू में अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया

देहरादून : अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के तहत स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने भाषण काव्य व हिन्दी भाषा पर आधारित गीत भी प्रस्तुत किये।

जानिए क्यूं मनाया जाता है “अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस” ?

देश-दुनिया में प्रत्येक वर्ष 21 फरवरी को यह दिवस मनाया जाता है।

यूनाइटेड नेशन के द्वारा यह दिवस वर्ष 2000 में घोषित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया में प्रचलित भाषा और सांस्कृतिक विविधता को पहचान दिलाना और प्रसार करना है।

गुरुवार को नर्सिंग कॉलेज के सभागार में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रिसिंपल डॉ.संचिता पुगाजंडी ने कहा कि 21 फरवरी को अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है। कहा कि दुनिया के कई विकसित और विकासशील देश मातृभाषा की बदौलत ऊँचाइयों को छू रहे हैं।

चीन और जापान इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। हमारी मातृभाषा हिन्दी को वह गौरव दिलाना सबकी जिम्मेदारी है। हिन्दी भाषा वर्षों से न केवल भारतीय संस्कृति के प्रसार का एक महत्वपूर्ण माध्यम रही है, बल्कि हिन्दी ने संस्कृतियों के आदान-प्रदान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

लिटरेरी कमेटी की सदस्य प्रीति प्रभा ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारा देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। पर यह भी सच है कि इस प्रगति का लाभ देश की आम जनता तक पूरी तरह पहुंच नहीं पा रहा है।

इसके कारणों की तरफ जब हम दृष्टि डालते हैं तो पाते हैं कि हम शासन को जनता तक उसकी भाषा में पहुंचाने में अभी तक कामयाब नहीं हुए हैं। हिन्दी का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ दोंनों बहुत ही महत्वपूर्ण है।

इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, योगा साइंस, नर्सिंग, बायोसाइंस, मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने भाषण, काव्य, गढ़वाली व हिन्दी भाषा पर गीतों की प्रस्तुति दी।

इस दौरान डॉ. लेखा विश्वनाथ, प्रीति प्रभा, शालिनी, सुमन, जयंत आदि उपस्थित थे।

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