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देहरादून : आपसी भाईचारे की मिसाल कायम करते हुए बुल्लावाला गांव के सिखों ने खालसा पंथ के पांचवें गुरु, गुरु अर्जुन देव की शहीदी की याद में कल ईद के अवसर पर छबील लगा शर्बत की सेवा की।
कल कुड़कावाला ईदगाह और बुल्लावाला के बीच सिखों के द्वारा छबील लगायी गयी।
जिसके माध्यम से खासतौर पर ईदगाह से ईद-उल-फितर की नमाज पढ़कर लौट रहे मुस्लिमों को तपती गर्मी में ठंडा-मीठा शरबत पिलाया गया।
छबील की सेवा कर रहे सरदार मनोहर सिंह ने कहा कि,” आज नौजवान इकट्ठे होकर गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस की याद के साथ ईद के मौके पर ठंडे पानी की सेवा कर रहे हैं।
गुरु महाराज की हम सभी संगत पर ऐसे ही कृपा बनी रहे।”
छबील का है अपना इतिहास :—
गुरु अर्जुन देव जी की सिख धर्म में पहली शहादत हुई थी।
गुरु अर्जुन देव जी को लाहौर में 30 मई 1606 को “यासा व सियासत” कानून के तहत लोहे की गर्म तवे पर बिठाकर शहीद किया गया,जिसमें गुरु जी के शीश पर गर्म रेत डाली गयी।
उन दिनों लाहौर का नवाब चंदू था।
चंदू की पत्नी,पुत्र और पुत्रवधू जेल में गुरु जी से मिलने गए।गुरूजी के हालत देखकर वो सब रोने लगे।
चंदू की पत्नी ने गुरूजी को ठंडा मीठा शरबत दिया लेकिन गुरूजी ने कहा हम प्रण कर चुके कि चंदू के घर का पानी भी नही पीयेंगे।
तब चंदू की पत्नी ने कहा मैंने सुना है कि गुरु के घर से कोई खाली नही जाता है।
तब गुरु अर्जुन देव जी ने कहा मैं इस मुख से तो पानी नही पीऊंगा लेकिन एक समय ऐसा आयेगा जब हजारों पिलायेंगें और लाखों पीयेंगें।
आज गुरु अर्जुन देव जी के इसी इतिहास के मद्देनज़र सिख जेठ के महीने में छबील लगाकर ठन्डे-मीठे शरबत की सेवा करते हैं।
छबील की सेवा करने वालों में सरदार मनोहर सिंह,रविंद्र सिंह,सुरेंद्र सिंह,हरदीप सिंह,कमलजीत सिंह,गुरुविंदर सिंह,जसविंदर सिंह,प्रीतम सिंह,दलजीत सिंह,चरणजीत सिंह,पूर्णानंद,जितेंद्र सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित थे।