DehradunEnvironment

डोईवाला शुगर मिल की “खोई” से स्थानीय निवासियों के “जीने के हक” में खलल

देहरादून : डोईवाला शुगर कंपनी लिमिटेड की मैनेजमेंट कमी के कारण मिल के समीप रहने वाले सैंकड़ों निवासी “खोई” की वजह से कईं वर्षों से नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत “जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार” का उल्लेख है।

जिस तरह से कईं वर्षो से मिल के समीप रहने वाले व्यक्ति मिल की खोई की वजह से परेशानी झेल रहे हैं वो सीधे-सीधे संविधान द्वारा उनको दिए गए “मौलिक अधिकार” का उल्लंघन है।

आप क्लिक करके वीडियो देखियेगा :——-

“खोई” से होने वाली समस्या पर बोलते हुये सामाजिक कार्यकर्त्ता राजबीर खत्री ने कहा कि,”शुगर मिल से लगभग 500 से 700 व्यक्ति सीधे इसकी चपेट में आ रहे हैं।

खोई की वजह से स्थानीय लोगों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है।कोई भी इस ओर ध्यान देने को तैयार नही है।

इस बारे में शुगर मिल के ईडी से भी कईं बार मौखिक वार्ता की गयी है लेकिन कोई हल नही निकल पाया है।

हमारी मिल प्रशासन से मांग है कि वो जल्द ही खोई का उचित प्रबंध करे।”

शुगर मिल के समीप रहने वाली स्थानीय महिला सुषमा ने कहा कि,”खोई हमारे खाने,कपडे और साँस के साथ शरीर में अंदर चली जाती है।

जिससे हमारा शरीर खराब हो गया है।इसकी वजह से रोज ही रोड एक्सीडेंट की घटनाएं भी हो रही हैं।”

एक अन्य स्थानीय महिला सुशीला प्रजापति ने पत्रकारों को बताया कि,”खोई के कारण बड़े ही नही बच्चों के भी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

हमें मिल से कोई शिकायत नही है बस खोई का इंतज़ाम जाये।”

डोईवाला शुगर कंपनी के अधिशासी अधिकारी मनमोहन सिंह ने कहा कि,”हमारे द्वारा समय से खोई का टेंडर कर दिया गया है।

अभी तक 62000 कुंटल खोई उठायी जा चुकी है।जिस कारण खोई का ऊँचा चट्टा नही लगा है।

जहां से भी खोई बाहर जाती दिख रही है,उसका शीघ्र प्रबंध किया जायेगा। “

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!