देहरादून : स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के तहत हिमालयन हाॅस्पिटल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग ने दो वर्षीय यश की जटिल सर्जरी कर जान बचाई।
हिमालयन अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग से डाॅ. संतोष कुमार ने बताया कि देहरादून निवासी दो वर्षीय यश को कई अस्पतालों के चक्कर लागाने के बाद हिमालयन अस्पताल लाया गया।
यश के परिजनो ने बताया कि यश को लगातार बुखार व मूत्र संक्रमण हो रहा था। जिसके वजह से यश को काफी परेशानी हो रही थी।
यश के परिजन यश को लेकर पीडिया सर्जन डाॅ. संतोष कुमार के पास लाए। चिकित्सक ने बच्चे की प्रारंभिक सभी जांच करने के बाद पाया कि दो वर्षीय यश की गुर्दे की नली में सूजन के साथ मवाद भी भरा हुआ था।
डाॅ. संतोष कुमार का कहना है कि गुर्दे में खराबी के कारण ही बच्चे को मूत्र संक्रमण की दिक्कत हमेशा बनी रहती थी।
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग से चिकित्सक डाॅ. संतोष ने कहा कि यश के गुर्दे में सूजन व मवाद को निकालने के लिए (लेप्रोस्कोपी) दूरबीन विधि से यश का ऑपरेशन किया गया।
दूरबीन विधि में तीन छोटे छेद कर के सर्जरी की जाती है, इससे मरीज को दर्द भी कम सहना पड़ता है, व खर्चा भी (नेफ्रो-यूरेटरेक्टोमी) से कम आता है।
चिकित्सक का कहना है कि जटिल सर्जरी इसलिए भी थी कि यश अभी मात्र दो साल का है, अगर समय रहते उसका ऑपरेशन किया जाता तो उम्र बढ़ने के साथ यश के जीवन के लिए खतरा बना हुआ था।
उन्होंने कहा कि पहले लेप्रोस्कोपी विधि से ऑपरेशन करना बड़े शहरों में ही संभव था, जबकि अब हिमालयन अस्पताल में पिछले पांच वर्षों से बच्चों के कई तरह के जटिल ऑपरेशन दूरबीन विधि से सफलतापूर्वक किए जा रहे हैं, जो कि बच्चे के लिए सुरक्षित भी हैं।
पीडिया सर्जन डाॅ. संतोष ने बताया कि हिमालयन अस्पताल में दूर-दराज इलाके से बच्चों में अपेंडिक्स, पित्त की थैली, गुर्दों के ऑपरेशन, लड़कियों में अंडाशय के ऑपरेशन भी दूरबीन विधि से किए जा रहे हैं।
ऑपरेशन को सफल बनाने में डाॅ. तन्वी, ओटी स्टाफ माधवी, एनेस्थीसिया टीम से डाॅ. दिव्या, डाॅ. शुभी व डाॅ. राकेश ने सहयोग दिया।