देहरादून :देश के पूर्व मानव संसाधन मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद मुरली मनोहर जोशी ने कहा की विज्ञान और आध्यात्म के सामंजस्य से ही वैश्विक सुख-शांति संभव है। उन्होंने कहा कि वे आज भौतिकता की राजधानी दिल्ली से आध्यात्म की राजधानी देहरादून में हैं।
प्रणव मुख़र्जी फाउंडेशन नई दिल्ली,क्रीड संस्था चंडीगढ़ और स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी,जॉलीग्रांट की ओर से आज एक दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के प्रथम दिवस पदम् विभूषण डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने अपना बीज वक्तव्य (keynote address) दिया।
सम्मेलन के विषय “शांति,सदभावना और आनंद :संक्रांति से रूपांतरण की ओर “ पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि विज्ञान और दर्शन से पूरा विश्व रूपांतरित हो रहा है। शरीर,बुद्धि,मन और आत्मा एक ही तंत्र का हिस्सा हैं,जिसका पर्यावरण एक अव्यव है।किसी समाज की खुशहाली को जी.डी.पी. के पैमाने पर नहीं मापा जा सकता है।विकास की अंधी दौड़ में हम पर्यावरण,समतामूलक समाज जैसे महत्वपूर्ण विषय को पर्याप्त गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
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सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि,सत्य की जय,अधर्म का नाश ,प्राणियों में सदभावना,भारतीय जीवन दर्शन का महत्वपूर्ण भाग है। उन्होंने कहा कि आज जब पश्चिम भारत के योग,आध्यात्म को अपना रहे हैं,हम पूरब वाले पश्चिम का अंधा अनुसरण करने में लगे हुए हैं।पूरब और पश्चिम के विज्ञान और आध्यात्म के मिलन से ही एक बेहतर समाज बन सकता है।
सम्मेलन की शुरआत स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने करते हुए कहा कि हमारे सामूहिक प्रयास से देश के सबसे पिछड़े इलाके हरियाणा राज्य के मेवात को चुना गया। हमारे प्रयास से उत्तराखंड के पौड़ी और टिहरी सहित 18 गांव चुने गए हैं जिनमें हमारी संस्था के द्वारा विकास सम्बन्धी कार्य किये जायेंगें।
प्रमुख रूप से उपस्थित थे :
डॉ. एस. एल. जेठानी,डॉ. सुनील सैनी ,ऋषिकेश की मेयर अनीता ममगाईं,प्रोफेसर बिजेंद्र सिंह,श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. यु. एस. रावत