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शहीद सुधीर क्षेत्री को भूला बैठे डोईवाला के नेता और प्रशासनिक अधिकारी,सम्मान की मांग ने जोर पकड़ा

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देहरादून : हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों से मोर्चा लेते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले

शहीद सुधीर क्षेत्री को स्थानीय नेता और प्रशासनिक अधिकारी एक प्रकार से भूल बैठे हैं।

वर्ष 2002 में शहीद सुधीर क्षेत्री

ऐसे में कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं की पहल पर उन्हें सम्मान दिये जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है।

शहीद सुधीर क्षेत्री डोईवाला के लच्छीवाला निवासी थे।

शहीद सुधीर क्षेत्री की माँ श्रीमती कमला क्षेत्री

ज्ञात हो कि 10 जुलाई 2002 की रात सेकंड 9 राइफल के शहीद सुधीर क्षेत्री जम्मू-कश्मीर के

कुपवाड़ा सौगांव में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे।

इस मुकाबले में चार आतंकवादी मारे गये थे

जबकि शहीद सुधीर क्षेत्री के एक गोली जांघ और एक गोली आँख में लगी थी।

उस वक़्त क्षेत्रीय विधायक सहित कईं जनप्रतिनिधियों ने शहीद के सम्मान की बातें कही थी

जो कि धरातल पर आज तक भी नही उतर पायी हैं।

सामाजिक कार्यकर्त्ता भारत भूषण कौशल ‘पेले’ ने पहल करते हुए शहीद को सम्मान दिये जाने की मांग का बीड़ा उठाया है।

भारत भूषण कौशल ने कहा कि,”देश के सैनिक हमारी आन-बान-शान हैं।

उनके शहीद होने पर हमारा फर्ज है कि उन्हें सम्मान दिया जाये।

शहीद सुधीर क्षेत्री के भाई विजय क्षेत्री ने बताया कि उनके छोटे भाई की शहादत के

18 साल बाद भी डोईवाला के नेताओं ने उनकी याद में कोई शहीद द्वार,डिग्री कॉलेज

या हॉस्पिटल इत्यादि का नामकरण नही किया है।

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