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सीडीएस बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर हादसे में हुआ निधन

तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया

इस हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत सहित 14 लोग सवार थे

इस हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत भी सवार थी

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रजनीश प्रताप सिंह

 नई दिल्ली : आज दोपहर तमिलनाडु के घने जंगलों में सीडीएस बिपिन रावत को ले जा रहे हेलीकॉप्टर की दुर्घटना हो गई जिसमें सीडीएस बिपिन रावत की मृत्यु हो गई है

सीडीएस बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत की भी इस हादसे में मृत्यु हो गयी है 

वायुसेना ने बयान जारी कर उनकी मृत्यु की पुष्टि की है

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है 

आज दोपहर तमिलनाडु के कुन्नूर में नीलगिरी की पहाड़ियों पर सीडीएस बिपिन रावत सहित 14 व्यक्तियों को ले जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया जिनमे से 13 की मृत्यु हो गयी है 

इस बेहद दुखद और दर्दनाक हादसे में हेलीकॉप्टर के परखच्चे उड़ गए

और दुर्घटना स्थल पर आग, धुआं और राख ही राख हो गई

 

घने जंगलों में हुए एक हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में शुरुआती दौर में 4 शव बरामद किए गए थे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस हादसे की जानकारी दी गई है

वह बेहद सुरक्षित माने जाने वाले Mi-17V-5 हेलीकॉप्टर में सवार थे

डबल इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर को वीवीआइपी मूवमेंट के लिए इस्तेमाल किया जाता है

देहरादून में 11 दिसंबर को होने जा रही भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में भी

जनरल बिपिन रावत को शामिल होना था

इस हादसे में 13 लोगों के शव बरामद किए गए हैं

कौन थे बिपिन रावत

बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में चौहान राजपूत परिवार जन्मे थे

इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत, जो सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए।

बिपिन रावत की माताजी परमार वंश से है.

बिपिन रावत की शिक्षा

रावत ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी , देहरादून से शिक्षा ली जहां उन्हें ‘सोर्ड ऑफ़ ऑनर ‘ दिया गया।

वह फोर्ट लीवनवर्थ , यूएसए में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज , वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के स्नातक भी हैं।

उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एमफिल , प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया है।

2011 में, उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय , मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया

करियर की शुरुआत

रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी।

सैन्य सेवाएं
राजपूत परिवार में पैदा हुए रावत की कई पीढ़ी सेना में रही है।

जनवरी 1979 में सेना में मिजोरम में प्रथम नियुक्ति पाई।

नेफा इलाके में तैनाती के दौरान उन्होंने बटालियन की अगुवाई की।

कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स की भी अगुवाई की।

01 सितंबर 2016 को सेना के उप-प्रमुख का पद संभाला। 
31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद।

जनरल बिपिन रावत (PVSM, UYSM, AVSM, YSM, SM, VSM, ADC) भारत के पहले और वर्तमान रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) हैं;

उन्होंने ने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया।

इससे पूर्व वो भारतीय थलसेना के प्रमुख थे। रावत 31 दिसंबर 2016 से

31 दिसंबर 2019 तक थल सेनाध्यक्ष के पद पर रहे 

 

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