Banni Buffalo IVF Calf
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद जिस भैंस की नस्ल की तारीफ कर रहे हो
तो उसमें कुछ ख़ास होना तो लाजमी है
अब उनकी इस तारीफ के अगले दिन ही वैज्ञानिक जुट गये काम में
और अब बन्नी भैंस के पहले आईवीएफ बछड़े ने जन्म लिया है
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रजनीश सैनी
Banni Buffalo IVF Calf
Gujarat : प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने की थी जमकर तारीफ
“कच्छ की बन्नी भैंस दुनिया में अपना नाम कमा रही है.
कच्छ में तापमान 45 डिग्री हो या शून्य से नीचे हो, बन्नी भैंस आराम से सब सह लेती है.
इसे पानी भी कम चाहिए. बन्नी भैंस को चारे के लिए दूर-दूर तक ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होती.
एक दिन में ये भैंस करीब-करीब 15 लीटर दूध देती है.
इससे सालाना कमाई दो से तीन लाख रुपए तक होती है.
मुझे बताया गया है कि हाल में एक बन्नी भैंस पांच लाख रुपए से भी ज्यादा में बिकी है.
यानी जितने में दो छोटी कार खरीदी जाएं, इतने में बन्नी की एक भैंस मिलती है.
साल 2010 में बन्नी भैंस को राष्ट्रीय मान्यता भी मिली.
आज़ादी के बाद भैंस की ये पहली ब्रीड थी, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह की मान्यता मिली.”
Banni Buffalo IVF Calf
पीएम की तारीफ के बाद बनी योजना
कृत्रिम गर्भाधान की आईवीएफ तकनीक से भारत में पहली बार भैंस का गर्भाधान किया गया
और बछड़े ने जन्म लिया।
यह भैंस बन्नी नस्ल की है। इसके साथ ही भारत में
ओपीयू-आईवीएफ तकनीक अगले स्तर पर पहुंच गई।
पहला आईवीएफ बछड़ा बन्नी नस्ल की भैंस के छह बार आईवीएफ गर्भाधान के बाद पैदा हुआ।
यह प्रक्रिया सुशीला एग्रो फार्म्स के किसान विनय एल. वाला के घर जाकर पूरी की गई।
यह फार्म गुजरात के सोमनाथ जिले के धनेज गांव में स्थित है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब 15 दिसंबर, 2020 को गुजरात के कच्छ इलाके का दौरा किया था,
तब उस समय उन्होंने बन्नी भैंस की नस्ल के बारे में चर्चा की थी।
उसके अगले ही दिन, यानी 16 दिसंबर, 2020 को बन्नी भैंसों के
अंडाणु निकालने (ओपीयू) और उन्हें विकसित करके भैंस के गर्भशय
में स्थापित करने (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन-आईवीएफ) की प्रक्रिया शुरू करने कि योजना बनाई गई।
Banni Buffalo IVF Calf
बन्नी नस्ल की तीन भैंसों को किया गर्भाधान
वैज्ञानिकों ने विनय एल. वाला के गुजरात के सोमनाथ जिले के धनेज
स्थित सुशीला एग्रो फार्म्स की बन्नी नस्ल की तीन भैंसों को गर्भाधान के लिये तैयार किया।
वैज्ञानिकों ने भैंस के अंडाशय से डिम्ब निकालने के उपकरण
(इंट्रावैजिनल कल्चर डिवाइस-आईवीसी) द्वारा 20 अंडाणु निकाले।
तीनों में से एक भैंस के कुल 20 अंडाणुओं को आईवीसी प्रक्रिया से निकाला गया।
वास्तव में एक डोनर से निकाले जाने वाले 20 अंडाणुओं में से 11 भ्रूण बन गये।
नौ भ्रूणों को स्थापित किया गया, जिनसे तीन आईवीएफ गर्भाधान वजूद में आये।
दूसरे डोनर से पांच अंडाणु निकाले गये, जिनसे पांच भ्रूण (शत प्रतिशत) तैयार हुये।
Banni Buffalo IVF Calf
पांच में से चार भ्रूणों को स्थापित करने के लिये चुना गया
और इस प्रक्रिया से दो गर्भाधान हुये।
तीसरे डोनर से चार अंडाणु निकाले गये, दो भ्रूणों को विकसित किया गया
और उन्हें स्थापित करके एक गर्भाधान हुआ।
कुल मिलाकर 29 अंडाणुओं से 18 भ्रूण विकसित हुये।
इसकी बीएल दर 62 प्रतिशत रही।
पंद्रह भ्रूणों को स्थापित किया गया और उनसे छह गर्भाधान हुये।
गर्भाधन दर 40 प्रतिशत रही। इन छह गर्भाधानों में से आज पहला आईवीएफ बछड़ा पैदा हुआ।
यह देश का पहला बन्नी बछड़ा है, जो कृत्रिम गर्भाधान की आईवीएफ तकनीक से पैदा हुआ है।
सरकार और वैज्ञानिक समुदाय को भैंसों की आईवीएफ प्रक्रिया में अपार संभावना नजर आ रही है
और वे देश के पशुधन में सुधार लाने के लिये प्रयासरत हैं।
Banni Buffalo IVF Calf