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ऋषिकेश में हलवाई,रंगाई-पुताई की आड़ में चोरों के गिरोह का भंडाफोड़

Gang of thieves busted in Rishikesh working under the guise of confectionery and painting

देहरादून, 5 दिसंबर 2024 (रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक अंतर्राज्यीय चोर गिरोह का पर्दाफाश किया गया है,

जिसने अपनी चतुराई और नीच रणनीति से शहर में कई घरों में चोरी की घटनाएं को अंजाम दिया था।

पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक अन्य सदस्य अभी भी फरार है।

अपराध की जटिल योजना

गिरोह के सदस्यों ने एक अनोखी तरकीब अपनाई थी।

वे हलवाई और रंगाई-पुताई के काम का बहाना करते हुए विभिन्न इलाकों में घूमते थे और बन्द घरों की सूक्ष्म जानकारी एकत्र करते थे।

उनकी यह रणनीति इतनी परिष्कृत थी कि वे बिना किसी संदेह के घरों में प्रवेश कर लेते और मूल्यवान सामान चुरा लेते।

गिरोह के सदस्य

1 सेनी कुमार उर्फ सन्नी (30 वर्ष):

मेरठ के मनोहरपुर कालोनी का निवासी
गिरोह का मुख्य सदस्य

2 संजू संजय (34 वर्ष):

मेरठ के राठोड़ा खुर्द से
योजना बनाने में महारथी

3 विकास (27 वर्ष):

मनोहरपुर कालोनी का रहने वाला
चोरी की योजनाओं में सक्रिय भूमिका

पुलिस की सफल जांच

एसएसपी देहरादून के कड़े निर्देशों के बाद स्थानीय पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी।

टीम ने लगभग 250-300 कैमरों के फुटेज का विस्तृत विश्लेषण किया और गिरोह के सदस्यों की गतिविधियों पर नजर रखी।

चोरी की घटनाएं

पुलिस ने चार अलग-अलग घरों में चोरी की घटनाओं का खुलासा किया:

20 अक्टूबर 2024: आदेश कुमार के घर से सामान चोरी

10 नवंबर 2024: सुन्धान्शू थपलियाल के घर में चोरी

16 नवंबर 2024: अर्जुन मलिक के घर से सामान उठाया गया

30 नवंबर 2024: रविन्द्र सिंह कैन्तुरा के घर से आभूषण चोरी

बरामदगी का विवरण

पुलिस ने गिरोह से महत्वपूर्ण सामान बरामद किया:

लगभग 2 लाख रुपये की ज्वैलरी
7,000 रुपये नकद
सफेद धातु का एक छत्र
लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियां
नीला वीवो मोबाइल
बैंक चेक बुक

अवैध हथियार

02 अवैध चाकू
01 पिस्टल 32 बोर
02 जिंदा कारतूस

वांछित अपराधी

मोहित कुमार (मुरादाबाद निवासी):

अभी भी फरार
पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए सक्रिय

पुलिस की कार्रवाई

अभियुक्तों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में दर्जनों अपराधों के मामले दर्ज किए गए हैं।

उन्हें आर्म्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट समेत कई धाराओं में फंसाया गया है।

यह घटना दर्शाती है कि अपराधी अपनी चतुराई से कैसे अपराध को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं, लेकिन अंततः कानून की बाहों में फंस ही जाते हैं।

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