Dehradun

डोईवाला में मनाया गया शहीद भगत सिंह का 118 वां जन्मदिन

Shaheed Bhagat Singh's 118th birthday celebrated in Doiwala

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : आज डोईवाला के चांदमारी में शहीद भगत सिंह के 118 वें जन्मदिन को धूमधाम से मनाया गया

श्री गुरु नानक देव वेलफेयर सोसाइटी द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन भगत सिंह चौक पर किया गया

जिसमें स्थानीय लोगों ने अपनी भागीदारी निभायी

बंदूकों की खेती से लहलहायी आजादी की फसल : अरविंदर सिंह

कार्यक्रम के संचालक सरदार अरविंदर सिंह ने कहा कि सरदार भगत सिंह ने जो बंदूकों की खेती की उसी की फसल से हमें आजादी प्राप्त हुई

उन्होंने हथियार के साथ-साथ कलम भी चलाई

गुरु गोविंद सिंह जी ने कहा गुरबाणी में ,जब कुछ भी ना हो तब तलवार के रास्ते पर हाथ डालना जरूरी हो जाता है

जननी जने तो भगत जन

सरदार अरविंदर सिंह ने कहा कि “जननीजने तो भक्तजन कै दाता कै सूर, नहीं तो जननी बांझ रहै व्यर्थ गवावहिं नूर”

इसका अर्थ है कि एक माँ को या तो एक भक्त (धार्मिक व्यक्ति), एक दानी (उदार व्यक्ति) या एक वीर (बहादुर व्यक्ति) को जन्म देना चाहिए।

यदि वह ऐसा नहीं कर सकती, तो उसके लिए बच्चे पैदा न करना ही बेहतर है,

क्योंकि अन्यथा वह अपनी ऊर्जा और क्षमता को व्यर्थ गंवा रही होगी।

तलवार उठाना है जायज

“चूकार आज हमां हीलते दज गुजस्ता हलाल अस्त बूरदन बा शमशीर दस्त”

इसका अर्थ है कि “जब सभी उपाय विफल हो जाते हैं, तो तलवार उठाना जायज़ हो जाता है।”

अर्थात जब सभी शांतिपूर्ण और कूटनीतिक प्रयास असफल हो जाते हैं,

तब अंतिम उपाय के रूप में आत्मरक्षा या न्याय की रक्षा के लिए शस्त्र उठाना उचित माना जाता है।

भिन्न है हिंसा और क्रांति :अश्विनी त्यागी

श्रमिक नेता अश्विनी त्यागी ने कहा कि हिंसा और क्रांति दोनों अलग-अलग हैं

हिंसा से कभी भी देश और समाज का कोई भला नही होता है

इसके विपरीत क्रान्ति हमारे देश और समाज में एक बड़ा परिवर्तन लेकर आती है

शहीद भगत सिंह एक ऐसे ही परिवर्तनकारी क्रांतिकारी हैं

दुनिया में जुल्म के खिलाफ आवाज करें बुलंद : जाहिद अंजुम

जाहिद अंजुम ने बताया कि आज शहीद भगत सिंह का 118वां जन्मदिन है, जिसे किसान, मजदूर और सम्पूर्ण देश-दुनिया में बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने अंतिम क्षण तक दुनिया में कहीं भी हो रहे अन्याय के खिलाफ संघर्ष करते रहें।

यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

आज के युवाओं को चाहिए कि वे अपने भीतर एक संघर्षशील और भावनाओं से भरा दिल रखें।

उनके विचारों का अनुसरण करते हुए, हमें अध्ययन, लेखन और पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखनी चाहिए।
पढ़ने और लिखने के साथ, जहां भी अन्याय हो रहा हो, वहां के खिलाफ आवाज उठाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

वे शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आत्मिक और विचारों के रूप में वे हमेशा जीवित रहेंगे।

मोमबत्ती जलाने से नही होगा समाधान : सरदार बलबीर सिंह

श्री गुरु नानक देव वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष सरदार बलबीर सिंह ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में उल्लेखित है कि हमें अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करना चाहिए।

गुरु गोविंद सिंह जी ने भी यह कहा है कि हमारा आचरण सर्वोच्च स्तर का होना चाहिए

और हमारे कार्यों को उत्कृष्ट होना चाहिए।

यही विचार सरदार भगत सिंह जी का भी था।

हमें यह समझना चाहिए कि किसी घटना पर केवल मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन करने से कोई समाधान नहीं निकलेगा।

यदि हम उनके योगदान का सम्मान करना चाहते हैं, तो उनकी रचनाओं का अध्ययन अवश्य करें।

हमें अब व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बजाय गहन अध्ययन की ओर बढ़ना चाहिए।

कार्यक्रम को सरदार दलजीत सिंह,उमेद बोरा,जितेंद्र कुमार द्वारा भी संबोधित किया गया

इस अवसर पर श्री गुरु नानक देव वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष सरदार बलबीर सिंह,किसान सभा के जिलाध्यक्ष सरदार दलजीत सिंह ,पूर्व प्रधानाचार्य जितेंद्र कुमार ,कृषक नेता उमेद बोरा, जाहिद अंजुम ,सामाजिक कार्यकर्ता अवतार सिंह सैनी ,विजय सिंह रावत ,साकिर हुसैन ,रमनदीप सिंह, जसविंदर सिंह ,संजीव लोधी ,परमजीत सिंह ,रूद्र प्रसाद ,सरदार मलकीत सिंह,रजनीश प्रताप सिंह,इंद्रजीत सिंह लाडी,ओमप्रकाश,अश्विनी त्यागी आदि उपस्थित रहे

 

 

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!