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नयी दिल्ली : टोक्यो पैरालंपिक में भारत की ओर से खेल रहे सुहास एलवाई ने इतिहास रचते हुये सिल्वर मेडल देश के नाम किया है।भारत का यह कुल 18वां मेडल है।
टोक्यो पैरालंपिक के आखिरी दिन उन्होंने ये कामयाबी हासिल की है।
सुहास बैडमिंटन के एसएल4 श्रेणी में फिलहाल विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर हैं।एसएल4 क्लास में वो बैडमिंटन खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिनके पैर में विकार हो और वे खड़े होकर खेलते हैं।
वह देश के पहले ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें पैरालिंपिक में हिस्सा लेने का मौका मिला था और उन्होंने सिल्वर मेडल जीता है।
वह 38 साल के आईएएस (IAS) अधिकारी हैं जो उत्तर-प्रदेश के गौतमबुद्धनगर (नोएडा) के जिलाधिकारी (DM) के पद पर तैनात हैं।वह मूलरूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं। वह 2020 से इस पद पर तैनात हैं।
सुहास कम्प्यूटर इंजीनियर है और प्रशासनिक अधिकारी भी।
सुहास एल वाई की पत्नी गाजियाबाद की एडीएम (ADM) हैं।अपने पति की जीत पर ऋतू सुहास ने खुशी जतायी है। उन्होंने कहा कि उनके पति ने बहुत अच्छा खेल दिखाया और देश का नाम रोशन किया है। हमें उन पर गर्व है। ये पूरे देशवासियों के लिए हर्ष का विषय है।
उन्हें रविवार को पुरुषों की एकल SL4 इवेंट में फ्रांस के टॉप सीड शटलर लुकास माजूर से कड़े मुकाबले में 21-15, 17-21, 15-21 से हार का सामना करना पड़ा।
सुहास ने मैच का पहला गेम 21-15 से अपने नाम किया। अगले दोनों गेम में उन्होंने विपक्षी को कड़ी टक्कर दी, लेकिन उन्हें मैच गंवाना पड़ा। लुकास ने 21-17 और 21-15 से दोनों गेम जीतते हुए गोल्ड मेडल जीत लिया।