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हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में योग एवं नेचुरोपैथी ओपीडी सेवा शुरू

हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में योग एवं नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा) ओपीडी सेवा का शुभारंभ किया.
कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने इसका औपचारिक उद्धाटन कर जन स्वास्थ्य को समर्पित किया.
> स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट के कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने किया औपचारिक उद्घाटन
>अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने में योग एवं नेचुरोपैथी मददगार
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प्रियंका प्रताप सिंह

देहरादून : हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में योग एवं नेचुरोपैथी ओपीडी सेवा का शुभारंभ करते हुए कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हिमालयन हॉस्पिटल में लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है.

कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य मनुष्य को प्रकृति द्वारा दिया गया सबसे अच्छा उपहार है। लेकिन वर्तमान समय में व्यक्ति अपनी यांत्रिक जीवन शैली में इतना अधिक व्यस्त हो गया है कि उसे कई तरह की बीमारियों ने घेर लिया है.

योग और नेचुरोपैथी एक अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने में मदद करते है साथ ही जीवन की गुणवत्ता भी बढाते हैं.

इस अवसर पर प्रति कुलपति डॉ.विजेन्द्र चौहान, मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ.एसएल जेठानी, डॉ.मुश्ताक अहमद, डॉ. डीसी धस्माना, रजिस्ट्रार डॉ.सुशीला शर्मा, डॉ.सोमलता झा, डॉ.आरएन मिश्रा, डॉ.अनविता सिंह, राहुल बलूनी, डॉ.अंकित शर्मा आदि उपस्थित रहे.

क्या है नेचुरोपैथी ?

हिमालयन स्कूल ऑफ योगा साइंस की प्रभारी डॉ.सोमलता झा ने बताया कि नेचुरोपैथी एक प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है, जिसमें दवाओं का उपयोग किए बिना रोगों को ठीक किया जाता है.
यह एक प्राचीन और पारंपरिक विज्ञान है जो हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं को एकीकृत करता है प्राकृतिक चिकित्सा का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपनी दिनचर्या बदलकर स्वस्थ रहने की कला सिखाना है.

इन बीमारियों में कारगर है नेचुरोपैथी

नेचुरोपैथी विधि से जोड़ों का दर्द, गठिया (ऑर्थराइटिस), स्पॉन्डलाइटिस, सायटिका, पाइल्स, कब्ज, गैस, एसिडिटी, पेप्टिक अल्सर, फैटी लीवर, कोलाइटिस, माइग्रेन, मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, श्वांस रोग, दमा, ब्रॉनकाइटिस, सीओपीडी (क्रॉनिक, ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) व त्वचा संबंधी रोगों का सफलतम उपचार होता है.

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