( वीडियो ) कोरोना काल में योग प्रशिक्षकों पर रोजी-रोटी का संकट,सरकार से लगा रहे गुहार

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देहरादून : देवभूमि उत्तराखंड अपने आप में योग के लिए विख्यात है।य
हां स्थित ऋषिकेश की पहचान दुनिया भर में ‘इंटरनेशनल योग फेस्टिवल’ के लिए की जाती है।
उत्तराखंड के योग प्रशिक्षक दुनिया के कईं देशों में योग सीखा रहे हैं।
आप वीडियो देखें :—
लेकिन आजकल वो एक नये संकट का सामना कर रहे हैं।
दुनिया भर के देश इस समय कोरोना महामारी का सामना कर रही है।
जिसका सीधा असर लोगों के रोजगार पर पड़ा है।
कोरोना काल में योग प्रशिक्षक अपनी रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं।
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और योग गुरु बाबा रामदेव के प्रयासों से दुनिया भर में योग का डंका बज रहा है।
ऐसे में देश भर के करोड़ों युवक-युवतियों ने ‘योग’ को बतौर कैरियर चुनते हुए
इसका कोर्स करके डिप्लोमा और डिग्री हासिल की है।
लेकिन हाल के समय में सरकारी नौकरी न निकलने के कारण वो निराश होकर घर बैठे हैं।
रही-सही कसर कोरोना ने पूरी कर दी है।कोरोना से पहले योग प्रशिक्षक
प्राइवेट योग क्लास चलाकर दो पैसे कमा लेते थे
लेकिन कोरोना के कारण अब वो प्राइवेट क्लास भी नही चला पा रहे हैं।
अब वो मदद के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं।
रोजगार से जोड़ा जाये योग को :—-
डोईवाला निवासी योग प्रशिक्षक अमित बिष्ट का कहना है कि सरकार को चाहिए कि वो योग को रोजगार से जोड़े।
हम मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से पिछले कईं सालों से कक्षा 1 से 12 तक योग को
अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने और योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।
हमारी सरकार से मांग है कि लॉकडाउन की अवधि की योग प्रशिक्षकों को आर्थिक मदद देकर सहायता करे।
हैंड टू माउथ हो गये हैं योग प्रशिक्षक :—
योग प्रशिक्षिका ओकेश चौहान का कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण योग ट्रेनर की हालत हैंड टू माउथ की हो गयी है।
हालांकि पहले भी हालात कोई बेहतर नही थे लेकिन प्राइवेट योग क्लास से गुजर-बसर का सहारा हो जाता था।