बीती 8 जनवरी को आयोजित की गयी पटवारी/लेखपाल परीक्षा में एग्जाम पेपर लीक हुआ है जिस बाबत एसएसपी एसटीएफ ने आज मीडिया के सामने इसकी जानकारी साझा करते हुए बताया कि मामले में 4 आरोपियों की गिरफ़्तारी की गयी है.
>बीती 8 जनवरी को हुई थी पटवारी/लेखपाल परीक्षा
>UKPSC सेक्शन ऑफिसर पेपर लीक मुख्य आरोपी
>यूपी के बिहारीगढ़ और लक्सर में किये पेपर सॉल्व
> लाखों में बिका लीक किया गया एग्जाम पेपर
>एसटीएफ ने की मामले में 4 आरोपियों की गिरफ़्तारी
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रजनीश प्रताप सिंह तेज
देहरादून : Uttarakhand Public Services Commission (UKPSC) उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा बीते रविवार को करवाई गई पटवारी लेखपाल की भर्ती परीक्षा में Paper Leak पेपर लीक का मामला सामने आया है.
गौरतलब है कि 8 जनवरी को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के द्वारा पटवारी/लेखपाल भर्ती परीक्षा करवाई गई थी लेकिन परीक्षा आयोजित होने से पहले ही इसका एग्जाम पेपर लीक हो गया.
आरोप है कि यह पर्चा लाखों में बिक गया.
उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स के द्वारा इस मामले में मुख्य अभियुक्त के तौर पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सेक्शन ऑफिसर संजीव चतुर्वेदी सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
स्पेशल टास्क फोर्स के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के कब्जे से लीक एग्जाम पेपर की कॉपियां और पेपर बेचकर कमाए गए 22 लाख 50 हजार रुपए बरामद किए गए हैं.
संजीव चतुर्वेदी परीक्षा आयोजित कर रहे अति गोपन अनुभाग-3 में नियुक्त थे और उन्होंने वहां से एग्जाम से पहले ही पेपर चुराकर उसकी फोटो खींचकर अपनी पत्नी रितु के द्वारा इस मामले के दूसरे आरोपी संजीव कुमार को पहुंचा दिया.
इसके बदले में संजीव कुमार ने रितु को अच्छी खासी रकम दी.
पेपर परीक्षा से पहले लीककर संजीव और उसके साथी राजपाल ने राजकुमार और अन्य के जरिए 35 अभ्यर्थियों को इसे बांट दिया. इसके बाद यह उत्तर प्रदेश के बिहारीगढ़ में स्थित माया अरुण रिसोर्ट और ग्राम सैदपुर लक्सर हरिद्वार के कई स्थानों पर अभ्यर्थियों को यह पेपर हल करवाया गया.
एसटीएफ के द्वारा इस मामले में मुख्य अभियुक्त के तौर पर संजीव चतुर्वेदी,सेक्शन ऑफिसर अति गोपन अनुभाग,उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को गिरफ्तार किया गया है.
इसके अलावा कॉलेज का पूर्व लेक्चरर रहा राजपाल,एक प्राइवेट हॉस्पिटल की डायलिसिस यूनिट का लैब टेक्नीशियन संजीव कुमार और गांव में खेती-बाड़ी करने वाले रामकुमार को इस पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया है.