
देहरादून :देश के पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज़ का आज निधन हो गया। वो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रक्षा मंत्री रहे थे। लंबे समय से अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित जॉर्ज फर्नांडीज़ ने आज दिल्ली के एक हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली।
आज हम आपको उनका वो किस्सा बता रहे हैं जब उन्होंने डोईवाला में मेज की कन्नी से खड़े होकर भाषण दिया था।
ये 2004 के लोकसभा चुनाव का मौका था ,डोईवाला के रेलवे रोड पर जॉर्ज फर्नांडीज़ को अपने चुनाव प्रचार के लिए जनसभा करनी थी जिसका बाकायदा लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट भी किया गया था।
जनता जॉर्ज को सुनना चाहती थी वो उस वक़्त डिफेन्स मिनिस्टर होने के नाते मीडिया की सुर्ख़ियों में छाये हुए थे।
जनता ने बाट जोही लेकिन वो तय समय पर नहीं आये।
रात तकरीबन 9 बजे जब जया जेटली के साथ जॉर्ज डोईवाला पहुंचे तो बाजार से भीड़ छंट चुकी थी। लेकिन ट्रेड यूनियन के मंझे हुए खिलाडी जॉर्ज ने इसकी परवाह नहीं की।
बमुश्किल साठ-सत्तर लोगों के सामने जॉर्ज बोलने के लिए खड़े हुए तो चुनाव आचार संहिता की वजह से रात में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध था।
अपनी आवाज लोगों तक पहुंचाने के लिए वो मंच पर रखी किसी घर से मंगवाई एक छोटी मेज पर चढ़ गए।सर्दियों की रात में कुर्ता-पायजामा पहने,गले में मफलर डाले ,मुँह से भाप के निकलते भभके और जॉर्ज ने बोलना शुरू किया।तभी भीड़ में से किसी ने जॉर्ज को बोला कि आप गिर सकते हैं क्यूंकि मेज की कन्नी पर खड़े जॉर्ज का एक पैर बाहर निकला हुआ था। उन्होंने मंच से जवाब दिया कि मुझे पता है मैं कहा खड़ा हूँ।
धुन के पक्के जॉर्ज मुठ्ठी भर लोगों के सामने तकरीबन घंटा भर बोलते रहे। उन्होंने बताया कि किस तरह देश में इमरजेंसी के दौरान पुलिस ने उन्हें बुरी तरह टार्चर किया। उन्होंने भीड़ के सामने अपना कुर्ता उठाकर पीठ पर इमरजेंसी के टार्चर के निशान भी दिखलाये थे।
तो ऐसे थे जॉर्ज फर्नांडीज़……………..”यूके तेज़” की औऱ से उनको विनम्र श्रद्धांजलि