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एसएसपी ने AIIMS ऋषिकेश में पुलिस वाहन को चौथी मंजिल पर ले जाने की घटना करी जांच

SSP investigates incident of police vehicle being taken to fourth floor in AIIMS Rishikesh

 

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) :एम्स ऋषिकेश की चौथी मंजिल में पुलिस वाहन ले जाने की घटना में एसएसपी देहरादून ने सभी पहलुओं का बारीकी से विश्लेषण किया

एम्स ऋषिकेश में हुई इस घटना के संबंध में SSP देहरादून ने एम्स प्रशासन के साथ वार्तालाप करके इसकी जांच की।

कब और क्या हुई घटना:

19 मई, 2024 को AIIMS ऋषिकेश के ट्रॉमा सेंटर में नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार द्वारा महिला डॉक्टरों के साथ छेड़छाड़ की गई।

महिला डॉक्टरों ने एम्स प्रशासन को घटना की जानकारी दी।

21 मई, 2024 को सतीश कुमार को निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ पुलिस में FIR दर्ज की गई।

विरोध में हुआ उग्र प्रदर्शन:

इस मामले में एम्स प्रशासन ने 21 मई 2024 को आरोपी नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार को निलंबित कर दिया और पुलिस को भी सूचित किया।

इसके बाद, डॉक्टरों और एमबीबीएस छात्रों ने एम्स के बाहर उग्र प्रदर्शन किया।

पुलिस ने प्रदर्शन को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन लगभग 400-500 चिकित्सक और छात्रों ने अभियुक्त नर्सिंग ऑफिसर को उनके हवाले करने के लिए मनोचिकित्सा विभाग के कक्ष में प्रवेश किया।

पुलिस ने तत्काल की कार्रवाई:

इस स्थिति को संभालने के लिए एम्स प्रशासन और पुलिस ने त्वरित निर्णय लिया।

इस संदर्भ में, एम्स प्रशासन ने इमरजेंसी मार्ग का उपयोग किया, जिसके बाद वाहन को बाहर निकाला गया।

सीसीटीवी कैमरों में घटना की फुटेज को सुरक्षित किया गया।

सतीश कुमार की सुरक्षा और भीड़ द्वारा संभावित लिंचिंग से बचाने के लिए, उन्हें एम्स प्रशासन द्वारा सुझाए गए वैकल्पिक मार्ग से पुलिस वाहन में ले जाया गया।

भीड़ ने वाहन का पीछा किया और सतीश कुमार को बाहर निकालने का प्रयास किया।

SIT का किया गठन

पीड़ित महिला चिकित्सक के प्रार्थना पत्र के आधार पर कोतवाली ऋषिकेश में अभियोग दर्ज किया गया है

और SIT टीम का गठन किया गया है।

इस टीम में दो महिला उप निरीक्षकों के अलावा अन्य कर्मचारी शामिल हैं।

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