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हिमालयन हॉस्पिटल की ओर से निशुल्क ‘अंतिम संस्कार’ सेवा

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-हिमालयन हॉस्पिटल की ओर से निशुल्क ‘अंतिम संस्कार’ सेवा
-शारीरिक दूरी जरूरी, लेकिन मानवीय व भावनात्मक रुप से रहें नजदीक –डॉ.विजय धस्माना
-अकेले व असहाय व्यक्ति की कोरोना से मृत्यु होने पर हॉस्पिटल के कोरोना वॉरियर्स की टीम करेगी अंतिम संस्कार
-ऋषिकेश व डोईवाला विधानसभा क्षेत्र और देहरादून नगर निगम क्षेत्रांर्गत मिलेगी सेवा
Dr. Vijay Dhasmana,Vice-Chancellor,Swami Rama Himalayan University
 

देहरादून : अकेले व असहाय व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने पर उनके अंतिम संस्कार में दिक्कत आ रही है। ऐसे में उनके अंतिम संस्कार के लिए हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट ने ‘अंतिम संस्कार’ सेवा शुरू की है।

ऋषिकेश व डोईवाला विधानसभा क्षेत्र और देहरादून नगर निगम क्षेत्रांर्गत अकेले व असहाय व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने पर ही यह सेवा मिलेगी।

कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि वर्तमान में कोरोना महामारी से प्रतिदिन संक्रमित होने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

सबसे ज्यादा परेशानी कोविड बीमारी से मृत अकेले व असहाय व्यक्ति के अंतिम संस्कार की क्रिया में आ रही है।

कई जगह देखने में यह भी आया है कि संक्रमण के डर के कारण ऐसे असहाय कोरोना संक्रमित रोगियों की मौत हो जाने पर अंतिम संस्कार हेतु कहीं से कोई सहायता नहीं मिल रही है।

कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि मानवीय रिश्तों की नई परिभाषा गढ़ते हुए हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट की ओर से यह जन सेवा शुरू की गई है।

अकेले व असहाय कोरोना संक्रमित रोगी की मृत्यु हो जाने पर कोविड नियमों की गाइडलाइन के अनुसार मृतक के घर से लेकर अंतिम संस्कार तक की क्रिया हॉस्पिटल के कोरोना वॉरियर्स की टीम करेगी।

इसके तहत ऋषिकेश व डोईवाला विधानसभा और देहरादून नगर निगम क्षेत्रांर्गत आने वाले अकेले व असहाय कोरोना संक्रमित रोगी की मृत्यु होने पर ही यह सेवा दी जाएगी।

मदद के लिए 0135-2471245 पर करें संपर्क

इस सेवा के लिए हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट की ओर से कोरोना वॉरियर्स की टीम गठित कर दी गई है। इसके लिए ह़ॉस्पिटल की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।

0135-2471245 पर इस सेवा के लिए संपर्क कर सकते हैं।

शारीरिक दूरी जरूरी, लेकिन मानवीय भावनात्मक रुप से रहें नजदीक

कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि इस सेवा को शुरू करने का उद्देश्य समाजिक रुप में एक संदेश यह देना है कि

कोविड वायरस से इस लड़ाई में हम शारीरिक दूरी का भले ही पालन करें, परंतु मानवीय एवं भावनात्मक रूप से एक दूसरे के नजदीक रहकर एक दूसरे को मजबूती प्रदान करें।

घबराए हुए जनमानस के लिए सकारात्मक सोच इस समय की अति आवश्यक जरूरत है।

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