Joint Cyber Crime Co-ordination : उत्तराखंड में ‘साइबर क्राइम” पर CBI,आईबी ,ED आदि की उच्च स्तरीय कॉन्फ्रेंस
Joint Cyber Crime Co-ordination : भारत सरकार
के गृह मंत्रालय के द्वारा साइबर क्राइम को रोकने के लिए
देशभर को अलग-अलग साइबर जोन में बांटा गया है
उत्तराखंड के देहरादून में आज नॉर्थ साइबर जोन की
रीजनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई
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Rajneesh Saini
देहरादून : उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय सभागार में साइबर अपराधों
की रोकथाम हेतु Joint Cyber Crime Co-ordination Team
(JCCT)-(V)- एक दिवसीय कॉन्फ्रेंस आयोजित की गयी।
साइबर क्राइम के वित्तीय और गैर वित्तीय मामलों पर मंथन
बढ़ते साइबर अपराधों के परिप्रेक्ष्य में साइबर अपराधी
आम जनता की गाढ़ी कमाई हेतु अपराध के
नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे हैं।
विगत कुछ वर्षों में साईबर अपराध के मामलो मे लगातार बढोत्तरी हो रही है
जिसमें दोनों ही वित्तीय एवं गैर वित्तीय मामले सामने आ रहे हैं।
साइबर अपराधों की रोकथाम एवं अनावरण हेतु पुलिस,
Law Enforcement Agencies (LEA) लगातार प्रयासरत है ।
यह भी देखा गया है कि बैंक/वॉलेट/पेमेंट गेटवे आदि से भी
पुलिस को लगातार समन्वय स्थापित करना पड़ता है,
जिसके चलते आज पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अशोक कुमार,
की अध्यक्षता में Joint Cyber Crime Co-ordination (JCCT)-V
की द्वितीय Regional Conference पुलिस मुख्यालय देहरादून में आयोजित की गयी।
इससे पूर्व JCCT-V की प्रथम Regional Conference विगत वर्ष
चण्डीगढ़ में ऑनलाइन आयोजित हुई थी ।
गृह मंत्रालय ने बनाये हैं साइबर जोन
उल्लेखनीय है कि Joint Cyber Crime Co-ordination (JCCT)
गृह मंत्रालय, भारत सरकार के I4C (Indian Cyber Crime Co-ordination Centre)
की एक अहम एवं नई पहल है
जिसमें पूरे भारत को विभिन्न Cyber Zone में विभाजित किया गया है,
उत्तराखण्ड राज्य को North Zone में रखा गया है।
इस zone में जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हरियाणा, हिमांचल प्रदेश,
पंजाब, चण्डीगढ़, उत्तराखण्ड एवं गृह मंत्रालय इस समूह के सदस्य हैं।
क्या है उद्देश्य और कौन हैं शामिल
इस समूह का उद्देश्य आपसी समन्वय स्थापित करना,
सूचना एवं अपराध के विश्लेषित आंकड़ो को एक दूसरे से
आदान प्रदान करना, अभियोगों में अभियुक्तो की
गिरफ्तारी हेतु मिलकर सामुहिक स्तर पर प्रयास करना है।
इस बैठक मे North Zone के सदस्य राज्य व केन्द्र शासित प्रदेशों के
पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ,
Intelligence Bureau (IB),
Enforcement Directorate (ED),
Central Bureau of Investigation (CBI),
Department of Telecom (DOT),
Reserve Bank of India (RBI),
Registrar of Companies (ROC),
Registrar of Co-operative Societies (RCS)
एवं विभिन्न पेमेंट गेटवे, वॉलेट, बैंक आदि के प्रतिनिधियों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया है।
बैठक में विभिन्न साइबर अपराध, आर्थिक अपराध एवं संगठित
अपराध पर अंकुश लगाने हेतु सुझावो पर विचार विमर्श हुआ ।
विभिन्न राज्यो द्वारा अपने-अपने अभियोगों के अनावरण हेतु
किये गये उल्लेखनीय कार्यों का वर्णन किया गया।
इस बैठक से समस्त राज्यों की पुलिस, LEA (Law Enforcement Agencies)
को साइबर अपराध में अपराधियो के विरुद्ध coordinated approach
से कार्यवाही करने हेतु एक प्लेटफार्म दिया गया है।
कौन-कौन रहा कांफ्रेंस में शामिल
कांफ्रेंस में पुलिस उपमहानिरीक्षक, चण्डीगढ़- ओमवीर सिंह, उप सचिव,
गृह मंत्रालय भारत सरकार- दीपक विरमानी,
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जम्मू-कश्मीर, गुरिन्दरपाल सिंह,
पुलिस अधीक्षक, हरियाणा- राजेश कालिया, पुलिस अधीक्षक,
लद्दाख- कमेश्वर पुरी, पुलिस अधीक्षक, चण्डीगढ़- केतन बंसल,
उप निदेशक ED- रविन्द्र जोशी, Asst. DG DOT- विशाल
और अंकुर, उप महप्रबन्धक, रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया- मनोज और रोहित,
ROC JTA- खजान सिंह, Additional Registrar RCS- आनन्द शुक्ला,
पुलिस अधीक्षक, सीबीआई- पी के पाणिग्रही, सहायक पुलिस आयुक्त,
चण्डीगढ़- रश्मि शर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक, हिमाचल प्रदेश- नरवीर सिंह राठौर,
पुलिस उपाधीक्षक, पंजाब- समरपाल सिंह, एवं आसूचना ब्यूरो के अधिकारी
तथा उत्तराखण्ड पुलिस से पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- वी मुरूगेशन,
पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना एवं सुरक्षा- संजय गुंज्याल,
पुलिस उपमहानिरीक्षक, सुरक्षा- कृष्ण कुमार वीके, अजय सिंह,
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित हैं।