Organic Farming In Doiwala : 70 बीघा में बरसों से जैविक खेती कर रहा डोईवाला का यह व्यक्ति

Organic Farming In Doiwala : आधुनिकता की अंधी दौड़ में हम इतनी तेज भागे कि
हमारे भोज्य पदार्थों में कब कीटनाशक आदि के रूप में रसायन ने धीमा और अदृश्य जहर घोल दिया
पता ही नही चला।
पेश है ऑरगेनिक फार्मिंग पर रजनीश सैनी की ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट
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-रजनीश सैनी
देहरादून : डोईवाला के रहने वाले सतीश पाल बीते लगभग 18 वर्षों से पूरी तरह से जैविक खेती कर रहे हैं
हानिकारक कीटनाशक युक्त वर्तमान खेती के ट्रेंड पर वह कहते हैं कि,”ये लोग जहर की खेती कर रहे हैं “
इसीलिए उन्होंने पूरी तरह से ऑर्गेनिक फार्मिंग को अपने जीवन में उतार लिया है
वह न केवल रासायनिक खाद Chemical Fertilizer और रासायनिक कीटनाशकों Chemical Pesticides से परहेज करते हैं
बल्कि वह अपने खेतों के लिए पंचगव्य,जैविक खाद Bio-fertilizer और जैविक कीटनाशक Bio-Pesticides खुद तैयार करते हैं
जहर है केमिकल
सतीश पाल बताते हैं कि उन्होंने कोई स्पेशल ट्रेनिंग नहीं ली है
उन्होंने कहा मैं किसान का बेटा हूं इसलिए इतना तो मालूम है की केमिकल क्या है ?
केमिकल से कैंसर शुगर हार्ड आदि तमाम बीमारियां हो रही है
अपनी ऑर्गेनिक खाद,पंचगव्य और जैविक कीटनाशक
सतीश पाल ने बताया कि वह गाय के गोबर,सरसों की खल ,
गुड ,बेसन और ट्राइकोडर्मा मिलाकर अपनी जैविक खाद तैयार करते हैं
इसके साथ ही गोमूत्र ,गुड, गाय का गोबर, बेसन ,मेढ़ की मिट्टी आदि मिलाकर
पंचगव्य तैयार करते हैं जिसका उपयोग सिंचाई के पानी के साथ मिलाकर करते हैं
गाय के दूध से बनी छाज में कॉपर मिलाकर दो से ढाई महीने में
वह जैविक कीटनाशक तैयार करते हैं जिसका नत्रजन के रूप में भी उपयोग किया जाता है
लहसुन ,हरी मिर्च ,प्याज इत्यादि को फर्मेंट करके भी वह जैविक कीटनाशक तैयार करते हैं
बाजारी सब्जियों से है अलग स्वाद
सतीश पाल बताते हैं की उनकी सब्जियों का स्वाद बाजार से मिलने वाली सब्जियों से बिल्कुल अलग है
उनका कहना है कि वह बाजार से दोगुने दाम पर सब्जियां बेचते हैं
उनके द्वारा एक ही रेट पर सब्जियां बेची जाती
वह भिंडी ,लौकी ,तोरी, बैंगन इत्यादि वर्तमान में ₹50 किलो के हिसाब से बेच रहे हैं
कईं जैविक उत्पाद हैं तैयार
उन्होंने बताया कि वह अपने उगाये जैविक गेहूं से घराट का पिसा आटा,
पीली मिर्च पाउडर ,हल्दी पाउडर,बासमती चावल ,बिना रसायन का गुड,
शक्कर और खांड, अलसी, मसूर की दाल, तिल, गाय का घी ,शहद,
सरसों का तेल, राजमा इत्यादि उत्पाद विक्रय कर रहे हैं
फेस्टिव सीजन पर मिला आर्डर
सतीश पाल ने बताया कि पिछले साल फेस्टिव सीजन पर उन्होंने
दीपावली के गिफ्ट पैक बड़ी कंपनियों को सप्लाई किए हैं
जिसमें शहद,खांड, शक्कर, गुड ,तिलकुट, अलसी ,अलसी का तेल,
सरसों का तेल, गाय का घी , काढ़ा इत्यादि शामिल था
घाटे का सौदा
जब “यूके तेज” ने उनसे पूछा कि 70 बीघा जमीन में ऑर्गेनिक फार्मिंग से वह कितना कमा लेते हैं
तो उनका कहना था कि कोई आय नही है यह घाटे का सौदा है
उनका कहना है लेबर,डीजल सब महंगा हो गया है
जब उनसे पूछा गया कि आप घाटे का सौदा क्यों कर रहे हैं
तो उन्होंने कहा कि इतने साल मैंने तपस्या करी है
यदि अब जरा भी रसायन डाल दिया तो मेरी सारी तपस्या बेकार हो जाएगी
जब उनसे पूछा गया कि शुरू में किस तरह की दिक्कत आई तो सतीश पाल ने बताया की
जमीन को रसायन की आदत हो गई थी