सौंग में खनन से डोईवाला के “खेत बंजर होने का जताया खतरा”,किसान मोर्चे ने सीएम को भेजा ज्ञापन

डोईवाला की सौंग नदी में सरकार द्वारा खनन के पट्टे स्वीकृत किए जाने के बारे में संयुक्त किसान मोर्चे ने अपना विरोध जताया है.
> सौंग नदी खनन पट्टे रद्द करने की मांग
> संयुक्त किसान मोर्चे ने उठाया है मुद्दा
> खनन से पानी का तल चला जायेगा नीचे
> डोईवाला के खेत बंजर होने का खतरा
वेब मीडिया के विश्वसनीय नाम
युके तेज से जुड़ने के लिए
व्हाट्सएप करें 80 7706 2107
रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
देहरादून : संयुक्त किसान मोर्चे की डोईवाला इकाई ने सौंग नदी में खनन पट्टे स्वीकृत किए जाने का विरोध करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन लिखा जिसमें कहा गया है कि डोईवाला कृषि आधारित क्षेत्र है.
यहां के किसान सिंचाई के लिए 100% सॉन्ग नदी के पानी पर निर्भर है जिससे वह अपने खेतों की सिंचाई करते हैं.
सरकार सौंग नदी में खनन के लिए 10 साल के लिए खनन के पट्टे आवंटित करने जा रही है .
जिसको लेकर आज संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में क्षेत्र के सभी किसान आपको इस ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हैं कि डोईवाला क्षेत्र के किसानों की आजीविका का मुख्य साधन कृषि है.
कृषि में फसल पैदा करने के लिए पानी की आवश्यकता महत्वपूर्ण होती है .
सौंग नदी में खनन किए जाने से पानी का स्रोत नीचे चला जाएगा .
नदी से खनन सामग्री उठने से उसकी सतह के नीचे चले जाने के कारण कृषि में उपयोग होने वाले पानी को कृषि भूमि के लिए ले जाना बहुत कठिन हो जाने की वजह से खेतों में पानी नहीं लग पाएगा .
जिससे कृषि के बंजर होने का खतरा बन जाएगा.
संयुक्त किसान मोर्चा ने मुख्यमंत्री से डोईवाला क्षेत्र के किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए किसानों के हित में सौंग नदी पर खनन पट्टे आवंटित किए जाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है