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(विडियो देखें) तो डोईवाला में नंदी बैल की मूर्ति दूध पी रही है ?

आप ऊपर विडियो देखियेगा :—-

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देहरादून :बीते दिनों तेजी से डोईवाला क्षेत्र के मंदिरों में नंदी बैल की मूर्ति के द्वारा दूध पीने की घटना सामने आयी।

धार्मिक आस्थावान स्त्री-पुरुष शिवालयों में नंदी बैल की मूर्ति को दूध पिलाने लगे।

केवल डोईवाला ही नही बल्कि उत्तर-प्रदेश से भी ऐसी सूचना सामने आयी है।

रमन बजरंगी नामक एक व्यक्ति के द्वारा एक विडियो “यूके तेज़” को उपलब्ध कराया गया है

जिसमें वो रानीपोखरी के लिस्ट्राबाद के एक शिव मंदिर में नंदी बैल की मूर्ति को दूध पिलाते हुये दिख रहे हैं।

ऐसा ही एक विडियो घमंडपुर के शिव मंदिर का भी है।

रमन बजरंगी का कहना है कि वो भगवान शिव में पूर्ण आस्था रखते हैं

जिसके चलते ही नंदी महाराज ने उनके हाथों दूध पीया।

क्या कहते हैं केमिस्ट्री के प्रोफेसर :—-

एसडीएम डिग्री कॉलेज के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एस.पी. सती का कहना है कि

,”बेहद बारीक नलियों यानि केपिलरी एक्शन के माध्यम से ही ये दूध ऊपर चढ़ रहा है।

उन्होंने बताया की देहरादून के मकानों में सीलन भी इन केपिलरी के माध्यम से नीचे से ऊपर चढ़ता है।

पेड़ों में जल भी इन केपिलरी के माध्यम से नीचे से ऊपर चढ़ता है।

उन्होंने एक चमच्च में रंगीन जल लेकर उसमें पहले डस्ट फ्री (स्मूथ) चॉक को छुआया

तो उसमें कम ऊपर पानी चढ़ा जबकि

पुराने समय में प्रयोग की जाने वाली खुरदरी सतह वाली चॉक को जब इस चमच्च के जल से छुआया गया तो

अपेक्षाकृत अधिक ऊपर तक जल गया।

प्रोफेसर एस.पी. सती का कहना है कि कोई भी मूर्ति हो उसमें इसी वैज्ञानिक सिद्धांत के माध्यम से पानी या दूध ऊपर चढ़ता है।

क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश तिवारी :—

पंडित रमेश तिवारी का कहना है कि वैज्ञानिक तर्क अपनी जगह है लेकिन इसमें ईश्वर की कृपा जरूर है।

ईश्वर की कृपा से ऐसा हो भी सकता है।

DISCLAIMER —इस न्यूज़ में दिखाये गये विचार व्यक्तियों के अपने निजी विचार हैं।”यूके तेज़” का इनसे सहमत होना आवश्यक नही है।हम किसी भी प्रकार के अंधविश्वास को न मानते हैं न ही इसके प्रचार-प्रसार में विश्वास रखते हैं।

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