देहरादून : बीती शाम जॉलीग्रांट में डोईवाला के डॉक्टरों की एक कॉन्फ्रेंस आयोजित की गयी।
जिसमें अर्टिकेरिया की बीमारी के उपचार की नयी दवा बैलेनिक्स के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है।
वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. रतन सिंह ने बताया कि ,”अर्टिकेरिया को सामान्य बोलचाल में पित्त उछलना,शीतपित्त,जुलुपुत्ती या पित्ती भी कहते हैं।
यह त्वचा में होने वाला एक प्रकार का रोग है।इसमें त्वचा में चकत्ते हो जाते हैं और त्वचा का रंग सुर्ख लाल रंग का हो जाता है।
शोधकर्ताओं द्वारा बैलेस्टीन मोलेक्यूल में ऐसे गुण खोजे गए हैं जो इस रोग के उपचार में विशेष लाभप्रद हैं।
दवा निर्माता कंपनी अजंता फार्मा द्वारा इस आधार पर बैलेनिक्स 20 mg टेबलेट तैयार की गयी है जो बाजार में उपलब्ध इस उपचार की अन्य दवाओं के मुकाबले अधिक कारगर है।
बैलेनिक्स एक नॉन सेडेटिंग (अर्थात दवा के सेवन के बाद नींद की खुमारी नहीं होती ) ऑरल H1 एंटीहिस्टेमाइन (एंटी एलर्जिक) है।
अर्टिकेरिया के उपचार में यह फर्स्ट लाइन ट्रीटमेंट के तौर पर इस्तेमाल की जाती है।
इस दवा का कोई बड़ा साइड इफ़ेक्ट नही है।
अजंता फार्मा के सेल्स मैनेजर भरत डंगवाल ने बताया की यह दवा बैलेनिक्स 20 mg उत्तराखंड में हाल ही में लांच की गयी है।
यह बाजार में पहले से उपलब्ध दवाओं के मुकाबले सस्ती और असरकारक है।
सेमिनार में डॉ. बलजीत सिंह सोढ़ी,डॉ. लोकेश सिंह,डॉ. अंकिता भट्ट,डॉ. टी. एस. बिष्ट,डॉ. बधानी,डॉ. डी. वी. पंत.,डॉ. वी.वी. आर्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे।