उफ्फ……देहरादून,घंटाघर पर “सोने की घड़ी” के लालच ने लगा दी 90 हजार की चपत

देहरादून के मशहूर घंटाघर के नजदीक एक स्थानीय व्यक्ति को दिल्ली के एक गैंग ने ‘सोने की घड़ी’ बेचने का लालच देकर ठग लिया पुलिस ने इस मामले में सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
> देहरादून घंटाघर की चाट वाली गली का मामला
> नकली सोने की घड़ी के बदले असली सोने की चेन
> गैंग का पीछा करते पुलिस पहुंची नैनीताल के होटल
> ठगों के इस गैंग में सभी मेंबर के बंटे हुये हैं रोल
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
देहरादून :
सोने की चकाचौंध में दिमाग हुआ ठप
कहते हैं हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती..
और ऐसा ही कुछ हुआ देहरादून के लुनिया मोहल्ले में रहने वाले रविंद्र प्रसाद नाम के व्यक्ति के साथ.
दरअसल रविंद्र प्रसाद भी सोने की चमक की चकाचौंध में अपनी सोच-समझ खो बैठे और उनको लग गई ₹90000 की चपत.
कहते हैं लालच बुरी बला है
देहरादून के रविंद्र प्रसाद अपने किसी निजी काम से बीती 24 अगस्त को देहरादून के मशहूर घंटाघर के पास चाट वाली गली में गए थे.
इसी दौरान कुछ अनजान लोगों ने रविंद्र प्रसाद को अपनी बातों में कुछ इस तरह से फसाया कि वह सोने की घड़ी देखकर फिसल गए.
शिकार को फंसा हुआ देखकर इन अनजान लोगों ने रविंद्र प्रसाद से असली सोने की चेन लेकर उसके बदले में उन्हें सोने की नकली घड़ी देकर ठग लिया.
पुलिस पहुंची “देहरादून टू नैनीताल”
खैर यह मामला पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा को खंगालने के साथ ही जब मोबाइल सर्विलांस के माध्यम से ट्रेस किया तो हरिद्वार नजीबाबाद काशीपुर के सीसीटीवी कैमरे को चेक करते हुए पुलिस को जानकारी मिली कि इस घटना में सभी संदिग्ध नैनीताल के तल्लीताल स्थित होटल शशि में रुके हुए हैं.
जिस पर पुलिस टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नैनीताल के तल्लीताल पहुंचकर होटल के बाहर से चारों संदिग्ध आरोपियों को स्विफ्ट कार के साथ गिरफ्तार किया गया है
जब उनसे तलाशी ली गई तो उनके पास से पीली धातु की चेन, अंगूठी, घड़ी, नगदी बरामद हुई है.
पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर इन सभी ने घंटाघर पर हुई धोखाधड़ी में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है.
इन आरोपियों के पास से ₹83650 भी बरामद किए गए हैं और दो घटनाओं का सफल अनावरण किया गया है.
तो ये है चिड़िया को जाल में फसाने का तरीका
इन आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह अलग-अलग राज्यों में जाकर ठगी करते हैं.
वह भीड़भाड़ वाले स्थानों में बुजुर्ग व्यक्तियों को चिन्हित करके उन्हें अपनी बातों में फंसाकर लालच देकर नकली सोने की घड़ी को असली बताकर बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए उनसे पैसे और ज्वेलरी ठग लेते हैं.
इनके रोल इस प्रकार हैं
गैंग लीडर -कश्मीरी लाल
काम — नकली सोने की घड़ी बेचने वाला बनता है
गैंग मेंबर —सुनील अग्रवाल
काम — खुद को सुनार बताता है
गैंग मेंबर —नरेंद्र कुमार
काम —खुद को ग्राहक बताकर घड़ी खरीदने की पेशकश करता है
गैंग मेंबर — अजय मदान
काम —खुद को ग्राहक बताकर घड़ी खरीदने की पेशकश करता है
घटना के दौरान गैंग लीडर कश्मीरी लाल नकली सोने की घड़ी को अपनी बताकर बेचने का काम करता है जबकि सुनील अग्रवाल अपने आप को सुनार बताता है और नरेंद्र कुमार ,अजय मदान ग्राहक बनकर नकली घड़ी खरीदने की बात करते हैं.
जिससे कि पीड़ित व्यक्ति उनके जाल में फंस कर लालच में आकर नकली सोने की घड़ी को खरीद लेता है.
पुलिस ने इस मामले में दिल्ली के मोती नगर में रहने वाले कश्मीरी लाल अरोड़ा दिल्ली के शाहदरा में रहने वाले सुनील अग्रवाल दिल्ली के गांधीनगर में रहने वाले नरेंद्र कुमार और पश्चिम दिल्ली के रहने वाले आ जाए मैदान को गिरफ्तार किया है.