देहरादून,10 नवंबर 2024 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : न्यायिक मजिस्ट्रेट विशाल वशिष्ठ की अदालत ने साढ़े सात साल पुराने एक मामले में दो आरोपियों को धार्मिक भावनाओं को आहत करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोपों से बरी कर दिया है।
27 मार्च, 2014 को दर्ज इस मामले में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि रमेश जायसवाल और अभिषेक जायसवाल ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया और उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी।
पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया था।
अभियोजन पक्ष ने अदालत में आठ गवाह पेश किए, जिन्होंने घटना के बारे में अपनी बात रखी।
हालांकि, अदालत ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों को पर्याप्त नहीं माना और दोनों आरोपियों को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।
आरोपियों के वकील मनीष कुमार धीमान ने कहा, “अदालत के इस फैसले से लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास और मजबूत होगा।”