डोईवाला में जल संस्थान के वाटर एटीएम बने “घाटे का सौदा” ?
Jal Sansthan's water ATM in Doiwala becomes a loss making deal
देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : डोईवाला में जल संस्थान द्वारा शुरू की गई वाटर एटीएम योजना घाटे का सौदा बन गई है।
आमजन को सस्ता पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 2021-22 में स्थापित किए गए तीन वाटर एटीएम, न केवल जनता के बीच अलोकप्रिय हैं, बल्कि जल संस्थान को नुकसान भी पहुंचा रहे हैं।
योजना की विफलता के कारण:
पानी लेने की अव्यवस्था: वाटर एटीएम के पास पानी लेने के लिए बर्तन या अन्य साधन नहीं हैं, जिससे लोग इनका उपयोग करने से हिचकिचाते हैं।
असुरक्षित स्वच्छता: वाटर एटीएम की नियमित सफाई नहीं होती है, जिससे लोग स्वच्छता को लेकर चिंतित रहते हैं।
सिक्के आधारित भुगतान: आज के समय में लोग कम ही सिक्के रखते हैं, जिससे भुगतान में परेशानी होती है।
तकनीकी खराबी: कई बार वाटर एटीएम सिक्के स्वीकार करने या पानी देने में विफल रहते हैं।
जल संस्थान का नुकसान:
कुड़कावाला निवासी आरटीआई कार्यकर्ता व अधिवक्ता साकिर हुसैन ने वाटर एटीएम को लेकर 3 बिंदु पर सूचना मांगी थी
जिसमे उन्होंने डोईवाला में लगे वाटर एटीएम की लागत, जल संस्थान द्वारा अभी तक इन एटीएम का कितना बिजली का बिल भुगतान हुआ और जिस दिन से ये वाटर एटीएम लगाए गए इनसे जल संस्थान को कितनी आमदनी हुई है।
स्थापना लागत: तीन वाटर एटीएम की स्थापना पर 20 लाख 66 हजार रुपये खर्च हुए।
बिजली का बिल: 30 मार्च 2024 तक, इन एटीएम पर 89 हजार 888 रुपये का बिजली बिल चुकाया गया है।
कम आय: इन एटीएम से अब तक केवल 20 हजार 674 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
क्या हो सकता है समाधान:
डोईवाला में जल संस्थान के वाटर एटीएम योजना को सफल बनाने के लिए रणनीति में बदलाव की आवश्यकता है। जनता की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए और सुविधाओं में सुधार करके, इन एटीएम को जनता के लिए वरदान बनाया जा सकता है।
वाटर एटीएम को मुफ्त करना: इससे जनता का उपयोग बढ़ेगा और जल संस्थान को बिजली का बिल वसूल करने में मदद मिलेगी।
नियमित सफाई और रखरखाव: स्वच्छता सुनिश्चित करने और लोगों का विश्वास बढ़ाने के लिए।
डिजिटल भुगतान विकल्प: QR कोड या UPI जैसी सुविधाएं जोड़ना।
जागरूकता अभियान: लोगों को वाटर एटीएम के बारे में शिक्षित करना और उनके उपयोग को प्रोत्साहित करना।
इनका भी रहे ध्यान
तपती गर्मी में, जनता को पीने के पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है।
वाटर एटीएम को मुफ्त करने से प्लास्टिक की पानी की बोतलों का उपयोग कम होगा, जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद होगा।
स्थानीय समुदायों को इन एटीएम के प्रबंधन और रखरखाव में शामिल करने से स्वामित्व और जिम्मेदारी की भावना पैदा होगी।
यह आशा की जाती है कि जल संस्थान इन सुझावों पर विचार करेगा और डोईवाला में वाटर एटीएम योजना को सफल बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।