
• चेक बाउंस के दोषी को एक साल की सजा और भारी जुर्माना
• डोईवाला न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पीड़ित के हक में सुनाया फैसला
• अभियुक्त राजेंद्र सिंह बिष्ट को कुल ₹40 लाख चुकाने होंगे
• अदालत ने कानूनी प्रक्रिया से पीड़ित को दिलाया त्वरित न्याय
देहरादून,5 जुलाई 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : न्यायिक मजिस्ट्रेट डोईवाला की अदालत ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में चेक बाउंस के एक आरोपी राजेंद्र सिंह बिष्ट को दोषी करार दिया.
अदालत ने बिष्ट को एक साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई और उस पर ₹14 लाख का जुर्माना भी लगाया.
इसके अतिरिक्त, दोषी को मूल राशि के साथ जुर्माने की रकम को मिलाकर कुल ₹40 लाख शिकायतकर्ता को चुकाने का आदेश दिया गया है.
क्या था पूरा मामला ?
शिकायतकर्ता अनिल कुमार सिंह निवासी इंद्रा नगर कॉलोनी ,देहरादून ने अपने वकील मोनिका पटेल के जरिए 2015 में अदालत में एक वाद दायर किया था.
इसमें उन्होंने बताया कि प्रॉपर्टी में अच्छे मुनाफे का लालच देकर राजेंद्र सिंह बिष्ट, जो नागल, ज्वालापुर (डोईवाला) का निवासी है, ने उनसे ₹26 लाख आरटीजीएस (RTGS) के माध्यम से लिए थे.
जब अनिल कुमार ने अपना मुनाफा मांगा, तो बिष्ट ने उन्हें ₹30 लाख का चेक दिया.
हालाँकि, जब यह चेक बैंक में लगाया गया, तो खाते में पर्याप्त धनराशि न होने (Insufficient Funds) के कारण यह बाउंस हो गया.
इसके बाद, पीड़ित अनिल कुमार ने अपने वकील के माध्यम से राजेंद्र सिंह बिष्ट को चेक बाउंस होने और धनराशि लौटाने के लिए कानूनी नोटिस (Legal Notice) भेजा.
परंतु, बिष्ट ने यह धनराशि नहीं लौटाई, जिसके बाद अनिल कुमार ने न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया.
अदालत का फैसला
मामले की गंभीरता से सुनवाई करते हुए, न्यायिक मजिस्ट्रेट विशाल वशिष्ठ ने शुक्रवार को राजेंद्र सिंह बिष्ट को दोषी ठहराया.
अदालत ने दोषी को एक साल की साधारण कारावास की सजा के साथ-साथ ₹14 लाख का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि दोषी को जुर्माने की राशि और मूल रकम को मिलाकर कुल ₹40 लाख पीड़ित अनिल कुमार को देने होंगे.