( रानीपोखरी पुल ) हरीश रावत की खरी-खरी,बाहरी एजेंसी से हो जांच,”पुलों के एनुअल सेफ्टी ऑडिट का हो गजट प्रकाशन”
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-रजनीश सैनी
देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड में पुलों के टूटने पर चिंता जाहिर करते हुये इनकी जांच बाहरी एक्सपर्ट एजेंसी से कराने की बात कही है।
दिल्ली से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट आये हरीश रावत आज डोईवाला के रानीपोखरी में जाखन नदी में टूटे पुल के जायजे को पहुंचे।
हरीश रावत की साफगोई और खरी-खरी :—
हरीश रावत अक्सर अपने राजनैतिक बयानों के तीर छोड़ते रहते हैं।
बिना तल्खी के सरल और सहज भाव से वो गहरी बात कह जाते हैं।आज ऐसे ही उन्होंने रानीपोखरी पुल को लेकर अपनी बात कही।
मीडिया से बात करते हुये हरीश रावत ने कहा कि,”पुल का टूटना चिंताजनक है।
उन्होंने बड़ी की नफासत और साफगोई से कहा कि ,”ऐसा नही है कि बहोत पानी आया हो या नदी उफन गयी हो। पानी से ज्यादा पुल के पिलर के आस-पास खनन से नुकसान हुआ है।
सरकार और सरकारी महकमे को कटघरे में खड़ा करते हुए हरीश रावत ने कहा कि,”(हल्द्वानी की) गौला नदी में भी ऐसा हुआ था,लगता है पीडब्लूडी ने उससे कोई सबक नही लिया।”
सूबे की धामी सरकार को घेरते हुए हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड के पुलों का “एनुअल सेफ्टी ऑडिट” (Annual Saftey Audit) होना चाहिए जिसे सरकार गजट में प्रकाशित करे।
इन हाउस जांच में तो “खनन” का मामला सामने नही आयेगा।
इसलिए इसकी बाहरी (राज्य की) एक्सपर्ट एजेंसी से जांच होनी चाहिये।
मुझे नही पता सही है या गलत है वो तो जांच में सामने आयेगा कि पुल की मरम्मत के लिये पिलर के पास से खनन सामग्री के प्रयोग किया गया।
पुल के पिलर के 400 मीटर तक कोई खनन नही होना चाहिये।
पुल के जायजे के दौरान हरीश रावत के साथ गन्ना सोसाइटी के चेयरमैन मनोज नौटियाल,चेयरमैन प्रतिनिधि सागर मनवाल और मोहित उनियाल भी साथ मौजूद रहे।