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Dehradun : सोलह वर्ष पूर्व विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में पूर्व राज्यमंत्री मनीष नागपाल को डोईवाला न्यायिक मजिस्ट्रेट मीनाक्षी दूबे ने संदेह का लाभ Benefit of Doubt देते हुए उन्हें दोषमुक्त करार दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2007 में विधानसभा चुनाव के दौरान डोईवाला कोतवाली पुलिस ने पूर्व राज्यमंत्री मनीष नागपाल पर आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1961 की धारा 123 व 136 के तहत मुकदमा दर्ज किया था तथा माननीय न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
पुलिस द्वारा दाखिल आरोप पत्र के आधार पर मामले का विचारण न्यायिक मजिस्ट्रेट मीनाक्षी दूबे के न्यायालय में किया गया।
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रजनीश प्रताप सिंह तेज
अभियोजन की ओर से न्यायालय में चार गवाह पेश किए गए।
अभियुक्त मनीष नागपाल की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार धीमान ने मामले में बचाव पक्ष रखते हुए गुणदोष के आधार पर उन्हें दोषमुक्त करार देने की दलील प्रस्तुत की।
न्यायालय ने पत्रावली में मौजूद साक्ष्य व गवाहों के बयानो का परिशीलन कर अभियुक्त मनीष नागपाल को दोष मुक्त किया।
अधिवक्ता मनीष कुमार धीमान ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने मामले ऐसा कोई ठोस साक्ष्य न्यायालय में दाखिल नहीं किया जिससे आचार संहिता का उल्लंघन होना साबित होता हो।
न्यायालय ने न्याय की संगति के आधार पर पूर्व राज्यमंत्री मनीष नागपाल को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया है