डॉ.अशोक कुमार देवराड़ी ने संभाला एचआईएमएस के नए प्रिसिंपल का चार्ज

करीब तीन दशकों से नवजात शिशुओं की देखभाल को लेकर किया है काफी काम
कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से किया जा चुका है सम्मानित
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
देहरादून : एम्स दिल्ली के बाल रोग विभागाध्यक्ष रहे डॉ.अशोक कुमार देवराड़ी ने हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस) जॉलीग्रांट के नए प्रिसिंपल के रुप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने उनका स्वागत किया।
साथ ही भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डॉ.देवराड़ी के अनुभव का फायदा एचआईएमस की प्रगति के रुप में मिलेगा।
मूलरुप से उत्तराखंड के चमोली जनपद के डॉ.अशोक कुमार देवराड़ी ने 1979 में एमबीबीएस किया।
1983 में एमडी व 1985 में बालरोग विभाग में डीएनबी किया।
उन्होंने कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का बखूबी निर्ह्वन किया है। नवजात शिशुओं की देखभाल के क्षेत्र में उनका विशेष योगदान रहा।
इसको लेकर स्वास्थ्य मापदंड तैयार करने व इस क्षेत्र में रिसर्च करने के लिए भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) व यूनिसेफ के साथ भी काम किया है। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत नवजात शिशुओं के उपचार के लिए परियोजना का नेतृत्व किया है।
डॉ.देवराड़ी कोविड बिमारी से रोकथाम व उपचार के लिए प्रधानमंत्री के इंपावर्ड ग्रुप-3 कमेटी के एक्सपर्ट सदस्य के रुप में शामिल थे। उन्होंने देशभर में स्वास्थ्य कमर्चारियों को कोविड से बचाव व उपचार ट्रेनिंग देने वाली कमेटी को लीड भी किया था।
डॉ.देवराड़ी ने वालंटियर अंडरग्रेजुएट मेडिकल छात्रों की मदद से एशिया में पहली बार बीमार नवजात शिशुओं के प्रबंधन के लिए स्मार्टफोन के लिए इनोवेटिव एप लॉन्च की।
स्वास्थ्य ही नहीं एकेडमिशियन के रुप में भी उनका अनुभव वृहद है। उन्होंने 250 से ज्यादा रिसर्च पेपर प्रकाशित किए और छह पुस्तकें लिखी हैं। वह एम्स दिल्ली में यूजी कोर्स 2017-20 और 2018-22 में स्किल सेंटर के अध्यक्ष रहे।
डॉ.देवराड़ी को नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए किए गए कार्यों के लिए कई बार राज्य, केंद्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया गया है। इसमें प्रमुख रुप से 2019 में द्रोणाचार्य अवॉर्ड और एक्सिलेंस अवॉर्ड ऑन हेल्थकेयर एंड पेशेंट सेफ्टी शामिल है।
इस मौके पर एचआईएमस के नवनियुक्त प्रिसिंपल डॉ.अशोक देवराड़ी ने कहा कि वह संस्थान के जनसेवा के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहेंगे। इसके अलावा शिक्षा, शोध व नवाचार पर उनका विशेष फोकस रहेगा।
कुलपति डॉ.विजय धस्माना, प्रति कुलपति डॉ.विजेंद्र चौहान, डॉ.प्रकाश केशवया सहित फैकल्टी सदस्यों, चिकित्सकों व अधिकारियों ने उनका स्वागत किया